S.138 NI Act | एक बार जब शिकायतकर्ता पूर्ण और अंतिम निपटान में राशि स्वीकार करने वाले डीड पर हस्ताक्षर कर दे तो चेक अनादरण की कार्यवाही रद्द कर दी जाएगी: सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने परक्राम्य लिखत अधिनियम, 1881 (NI Act) की धारा 138 के तहत कार्यवाही से संबंधित आपराधिक अपील में कहा कि एक बार समझौता हो गया और शिकायतकर्ता ने पूर्ण और अंतिम निपटान में राशि स्वीकार करते हुए डीड पर हस्ताक्षर किए हैं तो कार्यवाही के तहत इस प्रावधान को रद्द किया जाना चाहिए।
जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की खंडपीठ ने कहा,
“मामले के समग्र तथ्यों और परिस्थितियों पर विचार करते हुए हमारा विचार है कि एक बार समझौता हो गया और शिकायतकर्ता ने डिफॉल्ट राशि और दी गई जुर्माना राशि के पूर्ण और अंतिम निपटान में विशेष राशि स्वीकार करते हुए डीड पर हस्ताक्षर किए हैं। ट्रायल कोर्ट, एनआई अधिनियम की धारा 138 के तहत कार्यवाही को रद्द करने की आवश्यकता है।"
वर्तमान अपील हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट, शिमला पीठ द्वारा पारित 13 सितंबर, 2017 के आदेश को चुनौती देते हुए दायर की गई। अपने आक्षेपित आदेश में हाईकोर्ट ने एनआई की धारा 138 के तहत आरोपी व्यक्तियों/वर्तमान याचिकाकर्ताओं की दोषसिद्धि को बरकरार रखा था।
हालांकि, इस बीच पक्षकारों के बीच समझौता पत्र दर्ज किया गया। इस डीड के अनुसार, प्रतिवादी-शिकायतकर्ता चेक राशि और ट्रायल कोर्ट द्वारा लगाए गए। हाईकोर्ट द्वारा पुष्टि किए गए जुर्माने के पूर्ण और अंतिम निपटान के रूप में निश्चित राशि स्वीकार करने के लिए सहमत हुआ।
इन तथ्यों और परिस्थितियों को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने वर्तमान अपील स्वीकार कर ली।
केस टाइटल: घनश्याम गौतम बनाम उषा रानी (मृतक) एलआरएस रवि शंकर के माध्यम से, डायरी ननंबर- 8428 - 2018
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