Patanjali Case | सुप्रीम कोर्ट ने IMA अध्यक्ष की माफी पर असंतोष व्यक्त किया, कहा- इसे सभी प्रमुख अखबारों में प्रकाशित किया जाना चाहिए
पतंजलि के भ्रामक विज्ञापन मामले की सुनवाई के दौरान, सुप्रीम कोर्ट ने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) के अध्यक्ष डॉ. आरवी अशोकन द्वारा इंटरव्यू में न्यायालय के खिलाफ की गई अपमानजनक टिप्पणियों के संबंध में मांगी गई माफी की प्रकृति पर नाराजगी व्यक्त की।
जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस संदीप मेहता की खंडपीठ ने टिप्पणी की कि डॉ. अशोकन अपने लिए "और अधिक मुसीबतें मोल ले रहे हैं।"
सीनियर एडवोकेट पीएस पटवालिया (IMA के लिए) द्वारा प्रस्तुत इस दलील पर कि डॉ. अशोकन अवमानना के आरोप से खुद को मुक्त करने के लिए उचित कदम उठाएंगे।
मामले की सुनवाई 27 अगस्त तक के लिए स्थगित कर दी।
खंडपीठ ने कहा कि IMA अध्यक्ष प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया को माफी भेजकर अपना पल्ला नहीं झाड़ सकते। न्यायालय ने कहा कि माफी उन सभी अखबारों में प्रकाशित की जानी चाहिए, जिन्होंने उनका इंटरव्यू प्रकाशित किया। साथ ही यह डॉ. अशोकन के अपने फंड से किया जाना चाहिए, न कि IMA के फंड से।
जस्टिस कोहली ने कहा,
"जिन सभी अखबारों में वह इंटरव्यू छपा था, आपको उनसे संपर्क कर अपनी जेब से माफ़ी मांगनी चाहिए। IMA से नहीं।"
पटवालिया ने कहा कि IMA अध्यक्ष की टिप्पणी पीटीआई के साथ लगभग डेढ़ घंटे तक चले इंटरव्यू के दौरान पूछे गए दो सवालों के जवाब में आई।
केस केस टाइटल: इंडियन मेडिकल एसोसिएशन बनाम यूनियन ऑफ इंडिया | डब्ल्यू.पी.(सी) नंबर 645/2022