NEET-UG 2024 के उम्मीदवारों ने अंकों में विसंगतियों का आरोप लगाया, सुप्रीम कोर्ट से सभी OMR शीट्स के पुनर्मूल्यांकन का आदेश देने का आग्रह किया

Update: 2024-06-15 06:16 GMT

हाल ही में चल रहे NEET-UG 2024 परिणाम विवाद में एक और घटनाक्रम में सुप्रीम कोर्ट में सभी OMR उत्तर पुस्तिकाओं के पूर्ण पुनर्मूल्यांकन, उम्मीदवारों की पुनः रैंकिंग और न्यायालय की निगरानी में जांच की मांग करते हुए एक और याचिका दायर की गई।

अनुच्छेद 32 के तहत रिट याचिका आठ उम्मीदवारों द्वारा दायर की गई, जो 5 मई को राष्ट्रीय प्रवेश-सह-पात्रता परीक्षा (NEET) परीक्षा में शामिल हुए। देश भर में 24 लाख से अधिक छात्रों ने इस परीक्षा की तैयारी की और इसमें भाग लिया।

NTA द्वारा की गई ये कथित 'मनमानी और अवैध' अनियमितताएं क्या हैं?

NTA की ओर से कथित कई 'मनमानी और अवैध कार्रवाइयां और अनियमितताएं' इस प्रकार हैं:

(1) स्टूडेंट को उनके स्कोरकार्ड पर उनकी OMR शीट की तुलना में अलग-अलग अंक मिले। ये विसंगतियां ग्रेस मार्क्स के कारण नहीं थीं, क्योंकि ये स्टूडेंट उन केंद्रों से नहीं थे, जहां कथित तौर पर ग्रेस मार्क्स दिए गए।

(2) कटऑफ और औसत अंकों में अभूतपूर्व वृद्धि के परिणामस्वरूप 67 उम्मीदवारों ने 720/720 का पूर्ण स्कोर प्राप्त किया और शीर्ष रैंक हासिल की, जो आमतौर पर 3-4 स्टूडेंट होते हैं।

(3) इनमें से छह टॉपर हरियाणा के एक ही परीक्षा केंद्र से हैं।

(4) स्टूडेंट ने 718 और 719 अंक प्राप्त किए हैं, जो सांख्यिकीय रूप से संदिग्ध है।

(5) समय की हानि के लिए प्रतिपूरक अंक प्रदान करने के लिए अपनाई गई विधि/मानदंड का कोई खुलासा नहीं किया गया।

(6) इन स्टूडेंट को दिए गए ग्रेस मार्क्स के लिए कोई परिभाषित तर्क नहीं दिया गया। स्टूडेंट को दिए गए ग्रेस मार्क्स के अनुसार कोई सूची साझा नहीं की गई।

(7) समय की बर्बादी के कारण ग्रेस मार्क्स के प्रावधान का खुलासा परीक्षा से पहले सूचना बुलेटिन में किया जाना चाहिए, राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी ने परीक्षा के बाद नया नियम बनाया, जो परिणाम की प्रामाणिकता पर संदेह पैदा करता है।

मूल्यांकन परिणामों में 'गंभीर विसंगतियों' को चुनौती देते हुए याचिकाकर्ताओं ने (1) 1563 उम्मीदवारों को अनुग्रह अंक दिए जाने को अनुचित और अवैध घोषित करने; (2) ग्रेस मार्क्स फार्मूले के आवेदन के बिना सभी OMR शीटों का पुनर्मूल्यांकन करने और रैंक को फिर से आवंटित करने; (3) परिणामों में कथित विसंगतियों की जांच करने के लिए एक सेवानिवृत्त सुप्रीम कोर्ट के जज या हाईकोर्ट जज की अध्यक्षता में उच्च-शक्ति समिति की स्थापना करने; (4) 'उम्मीदवारों द्वारा इस्तेमाल किए गए अनुचित साधनों का पता लगाने' के लिए पेशेवर फर्म से फोरेंसिक ऑडिट कराने के लिए रिट की मांग की।

इसके अतिरिक्त यह प्रार्थना की गई कि राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) द्वारा 4 जून (परिणामों की घोषणा) और 6 जून (परिणाम प्रश्नों पर स्पष्टीकरण) को अवैध घोषित किया जाए और रद्द किया जाए।

जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की वेकेशन बेंच ने 14 जून को याचिका पर नोटिस जारी किया। शुक्रवार (14 जून) को इसी तरह के मामले पर भी नोटिस जारी किया गया, जिसमें NEET UG परीक्षा में पेपर लीक के कथित मामलों की CBI जांच की मांग की गई। NEET-UG 2024 से संबंधित सभी याचिकाओं पर अगली सुनवाई 14 जुलाई को होगी।

13 जून को NTA ने 1563 उम्मीदवारों को ग्रेस मार्क्स दिए जाने को चुनौती देने वाली अन्य याचिका का जवाब दिया। इसने प्रस्तुत किया कि ग्रेस मार्क्स वापस ले लिए जाएंगे और उन सभी 1563 स्टूडेंट से कहा जाएगा कि वे या तो ग्रेस मार्क्स के बिना अपने अंक स्वीकार करें या फिर दोबारा परीक्षा दें।

याचिका एडवोकेट तन्वी दुबे और अरिहंत जैन द्वारा तैयार की गई।

केस टाइटल: आर्ष समीर व्यास बनाम राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी डायरी नंबर- 26882/2024

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