वाहन के मॉडल की गलत जानकारी देने मात्र से मोटर दुर्घटना दावा खारिज नहीं किया जा सकता: सुप्रीम कोर्ट

Update: 2025-03-22 04:02 GMT
वाहन के मॉडल की गलत जानकारी देने मात्र से मोटर दुर्घटना दावा खारिज नहीं किया जा सकता: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वाहन के मेक में विसंगति किसी वैध दावे को खारिज करने का आधार नहीं हो सकती, जब वाहन का पंजीकरण नंबर और अन्य मुख्य विवरण सुसंगत और सही ढंग से उल्लिखित हों।

वाहन के मेक में परिवर्तन के कारण यानी टाटा स्पेसियो के स्थान पर टाटा सूमो, मोटर दुर्घटना दावा ट्रिब्यूनल द्वारा स्वीकृत दावे को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया और ट्रिब्यूनल द्वारा दिए गए दावे को खारिज कर दिया, भले ही वाहन का पंजीकरण और अन्य मुख्य विवरण वही रहे।

हाईकोर्ट का निर्णय खारिज करते हुए जस्टिस जे.के. माहेश्वरी और जस्टिस अरविंद कुमार की खंडपीठ ने कहा:

“पक्षकारों के वकीलों की सुनवाई करने और इस तथ्य पर विचार करने के बाद कि अपराधी वाहन का रजिस्ट्रेशन नंबर KA-31/6059 है, जो आपराधिक मामले में शामिल पाया गया, जो एक ही है, हाईकोर्ट के निष्कर्ष को बरकरार नहीं रखा जा सकता। वाहन के निर्माण का मात्र गलत विवरण भी संगति या दावा याचिका खारिज करने का आधार नहीं माना जा सकता, खासकर तब जब अपराधी वाहन के रजिस्ट्रेशन नंबर में कोई परिवर्तन नहीं हुआ हो। इसलिए हाईकोर्ट के विवादित निर्णय को खारिज किया जाना चाहिए।”

न्यायालय ने अपील स्वीकार की और हाईकोर्ट का निर्णय खारिज कर दिया। न्यायालय ने एमएसीटी द्वारा मुआवजे के रूप में 40,000/- रुपये का अवार्ड बहाल कर दिया। साथ ही दावा याचिका की तिथि से 6% प्रति वर्ष की दर से ब्याज भी दिया, लेकिन स्पष्ट किया कि उसे इस न्यायालय में आने में हुई देरी की अवधि यानी 1380 दिनों के लिए ब्याज नहीं मिलेगा।

केस टाइटल: परमेश्वर सुब्रत हेगड़े बनाम न्यू इंडिया एश्योरेंस कंपनी लिमिटेड और अन्य

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