Krishna Janmabhoomi Case : शाही ईदगाह मस्जिद के निरीक्षण के लिए आयोग नियुक्त करने के हाईकोर्ट के आदेश पर लगी रोक अगस्त 2024 तक बढ़ी
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (15 अप्रैल) को कृष्ण जन्मभूमि विवाद के संबंध में इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा पारित आदेशों को चुनौती देने वाली याचिकाओं का बैच अगस्त 2024 तक के लिए पोस्ट कर दिया।
जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की खंडपीठ शाही ईदगाह मस्जिद, मथुरा की प्रबंधन समिति और उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड द्वारा दायर विशेष अनुमति याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें इलाहाबाद हाईकोर्ट के मई 2023 के आदेश को चुनौती दी गई।
उक्त आदेश में क्लच को अपने पास स्थानांतरित कर दिया गया था। भूमि विवाद को लेकर मुकदमा पीठ के समक्ष मस्जिद समिति द्वारा दायर एक और एसएलपी भी सूचीबद्ध है, जिसमें दिसंबर 2023 में इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा पारित आदेश को चुनौती दी गई थी, जिसमें शाही ईदगाह मस्जिद का निरीक्षण करने के लिए अदालत आयुक्त की नियुक्ति की अनुमति दी गई।
सुप्रीम कोर्ट ने 16 जनवरी को इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के कार्यान्वयन पर रोक लगा दी थी, जिसने मस्जिद का निरीक्षण करने के लिए आयोग नियुक्त किया।
सुप्रीम कोर्ट ने 5 अगस्त 2024 से शुरू होने वाले सप्ताह में मामलों को दोबारा सूचीबद्ध करने का निर्देश देते हुए कहा कि सुनवाई की अगली तारीख तक अंतरिम आदेश लागू रहेगा।
न्यायालय ने यह भी स्पष्ट किया कि उसने हाईकोर्ट में लंबित मुकदमों की कार्यवाही पर रोक नहीं लगाई।
वकील तसनीम अहमदी मस्जिद समिति की ओर से पेश हुए और सीनियर वकील श्याम दीवान वादी पक्ष की ओर से पेश हुए।
यह विवाद मथुरा में मुगल सम्राट औरंगजेब-युग की शाही ईदगाह मस्जिद से संबंधित है, जिस पर आरोप है कि इसे भगवान कृष्ण के जन्मस्थान पर मंदिर को ध्वस्त करने के बाद बनाया गया।
केस टाइटल- प्रबंधन ट्रस्ट समिति शाही मस्जिद ईदगाह बनाम भगवान श्रीकृष्ण विराजमान एवं अन्य। | विशेष अनुमति याचिका (सिविल) नंबर 14275/2023 और संबंधित मामले।