ED ने सुप्रीम कोर्ट से संजय सिंह के जमानत आदेश में ED की उपस्थिति सूची से बांसुरी स्वराज का नाम हटाने का अनुरोध किया
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि वकील बांसुरी स्वराज की उपस्थिति (एजेंसी की ओर से) दिल्ली शराब नीति मामले में आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह को जमानत देने के कल पारित आदेश में अनजाने में शामिल हो गई है।
इस मामले का उल्लेख ED के वकील ज़ोहेब हुसैन ने जस्टिस संजीव खन्ना की अगुवाई वाली पीठ के समक्ष किया, जो जस्टिस एमएम सुंदरेश और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी के साथ विशेष पीठ में बैठे थे। उल्लेखनीय है कि मामले के "अनूठे तथ्यों" पर ED की रियायत पर संजय सिंह को मंगलवार को जमानत दे दी गई।
हुसैन ने कहा,
"उपस्थिति की रिकॉर्डिंग में अनजाने में त्रुटि हो गई। बांसुरी स्वराज की न तो इंगजमेंट हुई और न ही वह इस मामले में उपस्थित हुईं।"
यह उल्लेख करते हुए कि औपचारिक आवेदन दायर किया गया और केंद्रीय एजेंसी द्वारा "यांत्रिक रूप से" वकीलों के नाम देने में त्रुटि हो सकती है, उन्होंने प्रार्थना की कि उपस्थिति को ठीक किया जा सकता है।
जवाब में जस्टिस खन्ना ने कहा कि जो जरूरी होगा वो किया जाएगा।
इससे पहले दिन में, आप नेता सौरभ भारद्वाज ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर पोस्ट में आदेश का स्क्रीनशॉट साझा किया, जिसमें बांसुरी स्वराज का नाम था, जो नई दिल्ली लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी (BJP) की उम्मीदवार हैं। आरोप लगाया कि BJP और ED एक ही हैं।
केस टाइटल: संजय सिंह बनाम प्रवर्तन निदेशालय | विशेष अनुमति याचिका (आपराधिक) नंबर 2558/2024