उदयपुर फाइल्स फिल्म में छह कट लगाए गए, पुनः प्रमाणन लंबित: निर्माता ने दिल्ली हाईकोर्ट को दी जानकारी

Update: 2025-07-28 07:29 GMT

सोमवार 28 जुलाई को दिल्ली हाईकोर्ट को फिल्म Udaipur Files: Kanhaiya Lal Tailor Murder के निर्माताओं द्वारा सूचित किया गया कि फिल्म में छह कट लगाए गए हैं लेकिन अब तक इसका पुनः प्रमाणन लंबित है।

इस जानकारी के बाद कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 30 जुलाई की तारीख निर्धारित की।

चीफ जस्टिस डी.के. उपाध्याय और जस्टिस तुषार राव गेडेला की खंडपीठ उन याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी, जिन्हें जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अर्शद मदनी और कन्हैया लाल हत्या मामले में आरोपी मोहम्मद जावेद द्वारा दायर किया गया था। इन याचिकाओं में फिल्म की रिलीज पर आपत्ति जताई गई।

पृष्ठभूमि में सुप्रीम कोर्ट का आदेश

25 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने फिल्म की रिलीज पर आपत्ति करने वाले पक्षों को दिल्ली हाईकोर्ट का रुख करने को कहा था, जिससे वे केंद्र सरकार के पुनर्विचार आदेश को चुनौती दे सकें, जिसमें 6 संशोधनों के साथ फिल्म के प्रदर्शन को मंजूरी दी गई थी।

सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट से अनुरोध किया कि वह आगामी सोमवार (28 जुलाई) को इस मामले की प्राथमिक सुनवाई करे।

कुछ समय तक पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने अपने आदेश में कहा,

"सभी याचिकाओं को आपस में जोड़ा जाए। याचिका नंबर 42 में याचिकाकर्ता के वकील द्वारा आज की सुनवाई स्थगित करने का अनुरोध किया गया। जब पूछा गया कि क्या केंद्र सरकार के आदेश के बाद फिल्म का पुनःप्रमाणन हुआ तो बताया गया कि केंद्र सरकार के आदेश के बाद निर्माता द्वारा CBFC के समक्ष आवेदन दायर किया गया, जिसे जल्द ही विचाराधीन लिया जाएगा। उपरोक्त के मद्देनज़र मामले को बुधवार के लिए सूचीबद्ध किया जाए।"

सीनियर एडवोकेट मेनका गुरुस्वामी जो हत्या मामले में आरोपी की ओर से पेश हुईं ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश की ओर ध्यान दिलाया।

कोर्ट ने मौखिक रूप से गुरुस्वामी से पूछा,

"क्या आप सिनेमैटोग्राफ अधिनियम की धारा 6 का सहारा ले रही हैं? 21 जुलाई के आदेश के बाद क्या प्रमाणन दोबारा हुआ है?"

इसके बाद कोर्ट ने एडिशनल सॉलिसिटर जनरल चेतन शर्मा जो सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन (CBFC) की ओर से पेश हुए से पूछा कि क्या फिल्म को पुनःप्रमाणित किया गया, जिस पर उन्होंने बताया कि फिल्म को कुछ कट्स के साथ मंजूरी दी गई।

निर्माता की ओर से सीनियर एडवोकेट गौरव भाटिया ने अदालत को बताया,

"फिल्म में छह कट और एक अस्वीकरण जोड़ा गया। यह सब किया जा चुका है लेकिन प्रमाणपत्र अभी लंबित है।"

कोर्ट ने मौखिक रूप से कहा,

"कृपया घबराइए नहीं। आराम से बहस कीजिए। हम सिर्फ यह जानना चाहते हैं कि आपने पुनःप्रमाणन के लिए आवेदन किया या नहीं। और यदि वह नहीं हुआ तो आप फिल्म तब तक प्रदर्शित नहीं कर सकते। आज कोई विशेष आपात स्थिति नहीं है। हम इसे बुधवार को सुन सकते हैं।"

कन्हैया लाल तेली जो उदयपुर में दर्जी का काम करते थे, को जून 2022 में मोहम्मद रियाज और मोहम्मद गौस ने बेरहमी से हत्या कर दी थी। आरोपियों ने बाद में एक वीडियो जारी कर कहा कि यह हत्या नूपुर शर्मा के समर्थन में कन्हैया लाल द्वारा किए गए एक सोशल मीडिया पोस्ट के जवाब में की गई।

मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने की और UAPA तथा भारतीय दंड संहिता की धाराओं के तहत आरोप तय किए गए। मामला फिलहाल जयपुर स्थित विशेष NIA कोर्ट में चल रहा है।

10 जुलाई को दिल्ली हाईकोर्ट ने फिल्म की रिलीज पर अस्थायी रोक लगा दी और याचिकाकर्ताओं को केंद्रीय सरकार के समक्ष प्रमाणन के विरुद्ध पुनरीक्षण याचिका दायर करने की अनुमति दी।

21 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट को केंद्र सरकार ने सूचित किया कि उसने CBFC प्रमाणन के खिलाफ पुनर्विचार याचिकाओं पर आदेश पारित किया। केंद्र के अनुसार, एक विशेषज्ञ समिति ने फिल्म में 6 बदलावों का सुझाव दिया था, जिन्हें सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने स्वीकार कर लिया।

बदलावों में शामिल थे:

1. विस्तृत डिस्क्लेमर, जिसमें स्पष्ट किया गया कि यह फिल्म एक कलात्मक कृति है और इसका उद्देश्य किसी समुदाय को बदनाम करना या हिंसा को बढ़ावा देना नहीं है।

2. क्रेडिट कार्ड्स में बदलाव।

3. एक AI-निर्मित दृश्य में सऊदी अरब शैली की पगड़ी को संशोधित करना।

4. “नूतन शर्मा” नाम को किसी नए नाम से बदलना।

5. नूतन शर्मा का वह डायलॉग हटाना जिसमें वह धार्मिक ग्रंथों की बात करती हैं।

6. हाफिज और मक़बूल नामक पात्रों के बीच संवाद को हटाना।

सुप्रीम कोर्ट ने फिर सभी पक्षकारों को केंद्र सरकार के इस आदेश पर आपत्तियां दायर करने का समय दिया।

अगली सुनवाई 30 जुलाई को निर्धारित है।

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