दिल्ली हाईकोर्ट ने मानहानि मामले में समन के खिलाफ अशोक गहलोत की याचिका पर केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत से जवाब मांगा

Update: 2024-01-22 12:17 GMT

दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत द्वारा दायर आपराधिक मानहानि मामले में उनके समन को बरकरार रखने वाले ट्रायल कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली अपील पर नोटिस जारी किया।

जस्टिस स्वर्ण कांता शर्मा ने शेखावत से दो सप्ताह के भीतर जवाब मांगा और मामले की अगली सुनवाई 06 मार्च को तय की।

अदालत ने यह भी आदेश दिया कि निचली अदालत मानहानि मामले में कार्यवाही को उसके द्वारा आज तय की गई तारीख से बाद की किसी तारीख के लिए स्थगित कर देगी।

गहलोत ने पिछले साल एक सत्र अदालत द्वारा पारित आदेश को चुनौती देते हुए अदालत का रुख किया, जिसमें मामले में निचली अदालत द्वारा पारित समन आदेश के खिलाफ उनकी अपील खारिज कर दी गई थी।

सत्र अदालत ने कहा कि एसीएमएम अदालत द्वारा जारी समन किसी भी तथ्यात्मक गलती, अवैधता या निष्कर्ष की अनुपयुक्तता से ग्रस्त नहीं है।

पिछले साल अक्टूबर में एसीएमएम कोर्ट ने भी इस मामले में गहलोत को बरी करने से इनकार कर दिया था।

शेखावत ने गहलोत पर मानहानि का आरोप लगाते हुए शिकायती मामला दर्ज कराया था।

शेखावत ने आरोप लगाया कि गहलोत ने उन्हें और उनकी मृत मां समेत उनके परिवार के सदस्यों को कथित संजीवनी घोटाले का आरोपी बताया। शेखावत ने यह भी आरोप लगाया कि प्रेस कॉन्फ्रेंस या मीडिया ब्रीफिंग के दौरान, गहलोत ने दावा किया कि शेखावत के खिलाफ आरोप साबित हुए हैं।

पिछले साल मार्च में अदालत ने दिल्ली पुलिस को यह जांच करने का निर्देश दिया कि क्या शेखावत को गहलोत द्वारा कथित घोटाले में “आरोपी” के रूप में संबोधित किया गया। इसने संबंधित दिल्ली पुलिस के संयुक्त आयुक्त को निर्देश दिया कि वह इस मामले की जांच स्वयं या किसी इंस्पेक्टर स्तर के अधिकारी से करायें।

पुलिस जांच का आदेश देते हुए अदालत ने कहा कि गहलोत के बयान शेखावत के खिलाफ मानहानि के दायरे में आते हैं या नहीं, यह काफी हद तक संबंधित घोटाले में स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) द्वारा की जा रही जांच पर निर्भर करता है।

केस टाइटल: अशोक गहलोत बनाम गजेंद्र सिंह शेखावत

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