केंद्रीय मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण की स्थापना पर हलफनामा दाखिल करें: सुप्रीम कोर्ट का केंद्र को निर्देश

सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में केंद्र सरकार से मानसिक स्वास्थ्य अधिनियम, 2017 के तहत केंद्रीय मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण, राज्य मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण और मानसिक स्वास्थ्य समीक्षा बोर्ड की स्थापना और कामकाज का संकेत देते हुए एक विस्तृत हलफनामा दाखिल करने को कहा।
यह आदेश अनुच्छेद 32 के तहत दायर एक रिट याचिका में पारित किया गया था, जिसमें मानसिक स्वास्थ्य देखभाल की आवश्यकता वाले व्यक्तियों के संबंध में कुछ निर्देश मांगे गए थे। 3 जनवरी, 2019 से सुप्रीम कोर्ट इस रिट याचिका में निर्देश दे रहा है।
सात फरवरी को जस्टिस पी एस नरसिम्हा और जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा की खंडपीठ को सूचित किया गया कि संसद ने मानसिक स्वास्थ्य देखभाल कानून बनाया है जो इन तीनों प्राधिकरणों की स्थापना पर विचार करता है।
कोर्ट ने आदेश दिया "एडिसनल सॉलिसिटर जनरलऐश्वर्या भाटी, संघ की ओर से पेश होती हैं। हम निर्देश देते हैं कि भारत संघ केंद्रीय मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण, राज्य मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण और मानसिक स्वास्थ्य समीक्षा बोर्ड की स्थापना और कामकाज का उल्लेख करते हुए एक विस्तृत हलफनामा दायर करेगा। हलफनामे में प्राधिकरण और समीक्षा बोर्ड में वैधानिक और अनिवार्य नियुक्तियों का भी संकेत होगा। उक्त हलफनामा 06.03.2025 तक दायर किया जा सकता है।
मामले की अगली सुनवाई 21 मार्च को होगी।