तृणमूल कांग्रेस के खिलाफ अपमानजनक विज्ञापनों के प्रकाशन पर रोक लगाने वाले कलकत्ता एचसी के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची BJP
भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने कलकत्ता हाईकोर्ट के उस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, जिसमें उसे तृणमूल कांग्रेस (TMC) के खिलाफ कुछ अपमानजनक विज्ञापन छापने से रोक दिया गया। उक्त विज्ञापन अपमानजनक हैं और लोकसभा चुनाव, 2024 के दौरान आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करते हैं।
BJP द्वारा दायर विशेष अनुमति याचिका का तत्काल सुनवाई के लिए जस्टिस बेला त्रिवेदी और जस्टिस पंकज मित्तल की अवकाश पीठ के समक्ष उल्लेख किया गया। वकील ने तात्कालिकता के बारे में बताते हुए कहा कि पार्टी के खिलाफ "एकपक्षीय" आदेश पारित किया गया, जो 4 जून तक लागू रहना है।
हालांकि, पीठ ने इस मामले पर विचार करने में अनिच्छा व्यक्त की।
जस्टिस त्रिवेदी ने पूछा,
"आप अगली अवकाश पीठ का रुख क्यों नहीं करते?"
उनके वकील ने जब तत्काल सुनवाई के लिए जोर दिया तो जस्टिस त्रिवेदी ने कहा,
"हम देखेंगे।"
फिर भी इस मामले पर सुनवाई नहीं हुई।
पिछले हफ्ते, हाईकोर्ट के जज जस्टिस सब्यसाची भट्टाचार्य की एकल पीठ ने कहा कि विज्ञापन एमसीसी के साथ-साथ प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा निर्धारित दिशानिर्देशों का भी उल्लंघन कर रहे थे। न्यायालय ने वर्तमान रिट याचिका दायर होने तक इस मामले पर निष्क्रियता के लिए भारत के चुनाव आयोग (ECI) को भी फटकार लगाई।
यह कहा गया कि हालांकि ECI के समक्ष शिकायत की गई, लेकिन रिट याचिका दायर करने के बाद समाधान निकाले जाने तक कोई कार्रवाई नहीं की गई।
तदनुसार, न्यायालय ने निर्देश दिया कि प्रतिवादियों को 4 जून को चुनाव संपन्न होने तक या अगले आदेश तक विवादित विज्ञापन प्रकाशित करने से रोका जाएगा।
इस आदेश की पुष्टि चीफ जस्टिस टीएस शिवगणम और जस्टिस हिरण्मय भट्टाचार्य की खंडपीठ ने की। न्यायालय ने उस तरीके पर भी चिंता व्यक्त की जिसमें विज्ञापन प्रकाशित किए गए।
कोर्ट ने अपील खारिज करते हुए कहा,
“आप (BJP) राष्ट्रीय पार्टी हैं। केंद्र या राज्य स्तर पर आंतरिक सिस्टम होना चाहिए, जो यह मंजूरी दे कि क्या प्रचार छापा जा सकता है। कोई तो लक्ष्मण रेखा होनी चाहिए सर। इसे दाखिल करने वाले राष्ट्रीय दल... हम उनकी (TMC) सराहना नहीं कर रहे हैं... लेकिन सामान्य लोगों पर इसके प्रभाव की कल्पना करें। आम तौर पर किसी भी विज्ञापन में कंपनियों का लोगो और उनकी रंग योजना शामिल होगी। यह पार्टी का विज्ञापन है, जिसमें उनकी रंग योजना या लोगो नहीं है। यदि आप लोग आपस में लड़ते रहेंगे तो पीड़ित वह व्यक्ति होगा, जो अपना प्रतिनिधि चुनने जा रहा है... उन्हें गलत जानकारी दी जाएगी।''