'एशियन रीसर्फेसिंग' फैसला खारिज करने के बाद लंबित ट्रायल में स्वतः स्थगन रद्द करना अमान्य: सुप्रीम कोर्ट
हाई कोर्ट बार एसोसिएशन, इलाहाबाद बनाम उत्तर प्रदेश राज्य एवं अन्य में अपने फैसले की व्याख्या करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने माना है कि यदि एशियन रीसर्फेसिंग के तहत हाई कोर्ट द्वारा पारित अंतरिम संरक्षण आदेश स्वतः ही रद्द हो जाता है, लेकिन मुकदमा समाप्त नहीं हुआ है तो स्थगन रद्द करने की तिथि से अमान्य और निष्क्रिय हो जाएगा।
उक्त मामले में एशियन रीसर्फेसिंग में 2018 के फैसले को खारिज कर दिया गया था।
एशियन रीसर्फेसिंग खारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट बार एसोसिएशन, इलाहाबाद में कहा कि यदि मुकदमे समाप्त हो गए हैं तो स्थगन के स्वतः स्थगन के आदेश वैध रहेंगे।
इससे निष्कर्ष निकालते हुए जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस के.वी. विश्वनाथन की खंडपीठ ने कहा:
"इस अपील के संदर्भ में हाईकोर्ट बार एसोसिएशन, इलाहाबाद (सुप्रा) में संविधान पीठ द्वारा की गई टिप्पणियों का सार यह है कि यदि एशियन रीसर्फेसिंग (सुप्रा) के अनुसार स्वतः स्थगन के बाद भी मुकदमा समाप्त नहीं हुआ तो ऐसा स्वतः स्थगन अमान्य होगा और अप्रभावी रहेगा।"
इसमें यह भी कहा गया कि हाईकोर्ट द्वारा अभियुक्त को दी गई अंतरिम सुरक्षा (लेकिन एशियन रीसर्फेसिंग के संदर्भ में निरस्त) निर्णय खारिज करने की तिथि से पुनर्जीवित होगी। हाईकोर्ट द्वारा अपने आदेश को निरस्त/बदलने तक उसके विरुद्ध कोई बलपूर्वक कार्रवाई नहीं की जाएगी।
केस टाइटल: पवन अग्रवाल बनाम उत्तर प्रदेश राज्य, एसएलपी (सीआरएल.) संख्या 9625/2023