मौलिक अधिकारों के उल्लंघन से जुड़ा मामला: राजस्थान हाईकोर्ट ने निजी मकान के बाहर डेयरी बूथ लगाने पर लगाई रोक
राजस्थान हाईकोर्ट ने जयपुर में निजी आवास के बाहर प्रस्तावित डेयरी बूथ की स्थापना पर रोक लगाते हुए मामले की जांच के लिए कोर्ट कमिश्नर नियुक्त किया।
जस्टिस समीर जैन की एकलपीठ ने माना कि यह मामला याचिकाकर्ता के मौलिक अधिकारों (अनुच्छेद 21) के उल्लंघन से जुड़ा है। साथ ही भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) की धारा 152 (सार्वजनिक उपद्रव को हटाने की प्रक्रिया) के दायरे में आता है।
याचिकाकर्ता का कहना था कि बिना बिजली, पुलिस, पीडब्ल्यूडी आदि विभागों से एनओसी लिए ही डेयरी बूथ को उसके घर के सामने लगाने की अनुमति दी गई। उसका आरोप है कि आमतौर पर ऐसे बूथों के बहाने थोक किराना दुकान या छोटे रेस्टोरेंट चलाए जाते हैं, जिससे उसकी निजता और जीवन की गुणवत्ता प्रभावित होगी।
अदालत ने कहा,
“यह मामला व्यापक प्रभाव वाला है। याचिकाकर्ता के मौलिक अधिकारों के उल्लंघन से संबंधित है। देखा गया कि प्रचलित प्रथा के तहत ऐसे डेयरी बूथ वास्तव में किराना दुकानें या छोटे रेस्टोरेंट के रूप में संचालित किए जाते हैं।”
अदालत ने अजय प्रताप सिंह को कोर्ट कमिश्नर नियुक्त कर बापू नगर गांधी नगर और अन्य क्षेत्रों का निरीक्षण कर सात दिनों में रिपोर्ट देने का निर्देश दिया। रिपोर्ट में बूथ आवंटन, मूल्य निर्धारण तथा डेयरियों द्वारा बेचे जा रहे उत्पादों का विवरण शामिल होगा।
साथ ही राज्य सरकार और नगर निगम को कोर्ट कमिश्नर की फीस व अन्य खर्चों के रूप में 55,000 का भुगतान करने का आदेश दिया गया।
मामला को अगली सुनवाई के लिए 8 सितंबर सूचीबद्ध किया गया।
टाइटल: अजय शिवपुरी बनाम राज्य राजस्थान