सरकार किसी उम्मीदवार को नौकरी के विज्ञापन में उल्लेख न किए गए आधार पर अयोग्य घोषित नहीं कर सकती: राजस्थान हाईकोर्ट

Update: 2024-07-02 06:54 GMT

राजस्थान हाईकोर्ट ने चिकित्सा स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग, राजस्थान सरकार का आदेश रद्द कर दिया, जिसमें उम्मीदवार को सरकारी पद के लिए इस आधार पर खारिज कर दिया गया कि अयोग्यता के कारण को पद के लिए विज्ञापन में अयोग्यता मानदंड के रूप में उल्लेख नहीं किया गया। न्यायालय ने आदेश को पूरी तरह से अवैध, मनमाना और अनुचित करार दिया।

उन्होंने कहा:

"याचिकाकर्ता की उम्मीदवारी खारिज करने का आधार पूरी तरह से अवैध और मनमाना प्रतीत होता है, क्योंकि विज्ञापन की शर्तों और नियमों में कहीं भी किसी विशेष बोर्ड से योग्यता और पेशेवर प्रशिक्षण के बारे में नहीं बताया गया।"

जस्टिस गणेश राम मीना की पीठ व्यक्ति द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसका स्वास्थ्य कार्यकर्ता के पद के लिए नामांकन खारिज कर दिया गया। याचिकाकर्ता का कहना था कि पद के लिए विज्ञापन के अनुसार, पद के लिए शैक्षणिक और व्यावसायिक योग्यता आवश्यकताओं में किसी बोर्ड का उल्लेख नहीं था।

याचिकाकर्ता ने फॉर्म में उल्लेख किया कि उसने CBSE से माध्यमिक विद्यालय परीक्षा और राजस्थान नर्सिंग काउंसिल से ANM कोर्स पास किया। हालांकि विभाग ने दूसरे बोर्ड से उत्तीर्ण होने के आधार पर उसकी उम्मीदवारी खारिज कर दी।

न्यायालय ने पाया कि दस्तावेजी साक्ष्य के आधार पर याचिकाकर्ता विज्ञापन में उल्लिखित शर्तों के आधार पर पद के लिए पूरी तरह से योग्य थी।

न्यायालय ने कहा कि अस्वीकृति मानदंड विज्ञापन की शर्तों के विपरीत थे, क्योंकि विज्ञापन में कहीं भी किसी विशेष बोर्ड से योग्यता और व्यावसायिक प्रशिक्षण की आवश्यकता का उल्लेख नहीं किया गया।

इस पृष्ठभूमि में न्यायालय ने विभाग का आदेश रद्द कर दिया, जिसमें याचिकाकर्ता की उम्मीदवारी खारिज कर दी गई और याचिकाकर्ता को पद के लिए योग्य घोषित किया गया।

विभाग को पद के लिए याचिकाकर्ता की उम्मीदवारी पर विचार करने का निर्देश दिया गया तथा याचिकाकर्ता को बीच की अवधि में काल्पनिक लाभों का हकदार माना गया।

केस टाइटल- सुमित्रा कुमारी बनाम चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, राजस्थान सरकार

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