हाईकोर्ट ने कोर्ट परिसर में हिंसा पर स्वतः संज्ञान लिया; तलवार लेकर आए वकील की शिकायत पर बार के खिलाफ कार्रवाई पर रोक

Update: 2025-09-19 17:39 GMT

पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने हाईकोर्ट बार एसोसिएशन (HCBA) के सचिव की चिट्ठी पर स्वतः संज्ञान लिया है। इसमें आरोप है कि एडवोकेट रवनीत कौर ने 17 सितंबर को कोर्ट परिसर में बार सदस्यों पर हुए हिंसक हमले के लिए एडवोकेट सिमरनजीत सिंह ब्लासी को उकसाया, जिसने तलवार भी लहराई।

चिट्ठी में यह भी कहा गया कि कौर ने सचिव के खिलाफ सोशल मीडिया पर अश्लील और मानहानिपूर्ण सामग्री पोस्ट की। इस पर कोर्ट ने खुद कार्रवाई शुरू की। सुनवाई के दौरान UT के सीनियर स्टैंडिंग काउंसल अमित झांजी ने बताया कि ब्लासी की ओर से एक DDR दर्ज की गई है, जिसमें 100 वकीलों पर हमले का आरोप लगाया गया। HCBA अध्यक्ष ने आशंका जताई कि इसमें लगातार वकीलों के नाम जोड़े जाएंगे।

चीफ जस्टिस शील नागू और जस्टिस संजीव बेरी की बेंच ने आदेश दिया कि कार्यवाही लंबित रहने तक अज्ञात DDR में किसी वकील के खिलाफ कार्रवाई न की जाए। साथ ही, UT प्रशासन और चंडीगढ़ DGP को पक्षकार बनाया गया। सोशल मीडिया पोस्ट्स पर UT काउंसल ने कहा कि YouTube, Facebook जैसी प्लेटफ़ॉर्म्स को भी पक्षकार बनाना होगा।

HCBA सचिव ने रवनीत कौर के खिलाफ मानहानि का FIR दर्ज करने और उनकी गिरफ्तारी की मांग की। 17 सितंबर की घटना को लेकर दर्ज FIR में BNS की धाराएं 115(2) (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना), 126(2) (ग़लत रोक), 109(1) (हत्या का प्रयास), 351(2) (आपराधिक धमकी) और 3(5) (साझा मंशा) शामिल हैं।

सचिव गगनदीप जम्मू ने बताया कि कौर को 2023 में बार एसोसिएशन की सदस्यता से हटा दिया गया था, फिर भी वह सुविधाओं का दुरुपयोग कर रही हैं और बार सदस्यों व जजों के खिलाफ अपमानजनक बयान दे रही हैं। 15 सितंबर को हाईकोर्ट ने उनकी याचिका खारिज की थी। इसके बाद से कौर लगातार सोशल मीडिया पर मानहानिपूर्ण और अश्लील सामग्री पोस्ट कर रही हैं। शिकायत दर्ज होने के बावजूद पुलिस ने उन्हें देर रात का हवाला देकर छोड़ दिया और अब तक गिरफ्तार नहीं किया।

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