पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने बेअदबी मामलों की जांच CBI को सौंपने की मांग वाली याचिका पर नोटिस जारी किया
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने स्वयंभू बाबा गुरमीत राम रहीम की 2015 के बेअदबी मामलों से संबंधित एफआईआर में जांच स्थानांतरित करने की मांग वाली याचिका पर पंजाब और केंद्र सरकार, CBI से जवाब मांगा।
जस्टिस विनोद एस भारद्वाज ने पंजाब राज्य, भारत संघ और CBI को नोटिस जारी किया।
राम रहीम अपनी दो शिष्याओं से बलात्कार के आरोप में 20 साल की जेल की सजा काट रहा है। उसे 2002 में पत्रकार और अपने ही डेरा प्रबंधक रणजीत सिंह की हत्या का भी दोषी ठहराया गया था और आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी, जो उनके 20 साल के कार्यकाल की समाप्ति के बाद जारी रहेगी।
याचिका में पंजाब के बठिंडा और मोगा में आईपीसी की धारा 295ए और 120-बी के तहत कथित तौर पर दागी और अनुचित जांच के कारण दर्ज एफआईआर को CBI को स्थानांतरित करने की मांग की गई।
इसमें कहा गया,
"बेअदबी का मुद्दा भावनात्मक प्रकृति का है, जिसमें धर्म के आधार पर लोगों का ध्रुवीकरण करने की क्षमता है, निहित स्वार्थ वाले लोग राज्य पर खुद को धर्म के रक्षक के रूप में पेश करने के लिए दबाव डालते हैं।"
गौरतलब है कि हाल ही में कोर्ट ने 2015 के बेअदबी मामलों से संबंधित अन्य एफआईआर की CBI जांच के लिए पंजाब सरकार की सहमति वापस लेने को चुनौती देने वाली राम रहीम की याचिका को बड़ी पीठ के पास भेज दिया।
केस टाइटल: संत गुरुमीत राम रहीम बनाम पंजाब राज्य एवं अन्य।