'अपने दायरे से बाहर जाकर काम किया': पुलिस अधिकारियों के खिलाफ FIR दर्ज करने के निर्देश पर हाईकोर्ट ने रोक लगाई
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब स्टेट और चंडीगढ़ (UT) ह्यूमन राइट्स कमीशन के जारी निर्देशों के लागू होने पर रोक लगाई। कोर्ट ने कहा कि कमीशन ने प्रोटेक्शन ऑफ़ ह्यूमन राइट्स एक्ट, 1993 के तहत सिर्फ़ सिफ़ारिशें जारी करने के बजाय एग्जीक्यूटिव अधिकारियों को ज़बरदस्ती कार्रवाई करने का आदेश देकर "अपने दायरे से बाहर जाकर काम किया।"
राज्य को नोटिस जारी करते हुए चीफ़ जस्टिस शील नागू और जस्टिस संजीव बेरी ने कहा,
"यह बिल्कुल साफ़ है कि ह्यूमन राइट्स कमीशन ने सिफ़ारिश करने के बजाय एग्जीक्यूटिव अधिकारियों द्वारा पालन किए जाने वाले निर्देश और आदेश जारी करके अपने दायरे से बाहर जाकर काम किया।"
कमीशन ने FIR दर्ज करने का निर्देश दिया
याचिकाकर्ताओं – चार पुलिस कर्मियों सहित पांच लोगों – ने अक्टूबर में पास किए गए कमीशन के आदेश को चुनौती दी। ऑर्डर में जालंधर के पुलिस कमिश्नर को इंस्पेक्टर गगनदीप सिंह सेखों (तत्कालीन SHO), ASI सतनाम सिंह, ASI मक्खन सिंह, कांस्टेबल गुरप्रीत सिंह और एक अन्य व्यक्ति हरसिमरनजीत सिंह के खिलाफ IPC की धारा 365, 342, 166, 34, 120-B के तहत FIR दर्ज करने का निर्देश दिया गया।
DSP की जांच रिपोर्ट से सहमत होने के बाद जारी कमीशन के ऑर्डर में पुलिस कमिश्नर को आगे नामजद अधिकारियों के खिलाफ “ज़रूरी कार्रवाई” करने और अगली सुनवाई से पहले एक्शन-टेकन रिपोर्ट जमा करने का निर्देश दिया गया।
कमीशन ने अपने अधिकार का उल्लंघन किया
हाईकोर्ट ने यह देखते हुए पाया कि विवादित ऑर्डर अधिकार क्षेत्र से बाहर है। साथ ही कानूनी स्कीम के तहत ह्यूमन राइट्स कमीशन एक सिफारिश करने वाली संस्था है। शिकायत की जांच करने के बाद—यहां, IPC की धारा 379-B, 295-A, 323, 120-B के तहत 03.07.2023 की FIR दर्ज करने का आदेश सिर्फ़ राज्य सरकार को सुझाव दे सकता है।
बेंच ने इस बात पर ज़ोर दिया कि प्रोटेक्शन ऑफ़ ह्यूमन राइट्स एक्ट, 1993 की धारा 18 कमीशन को एग्जीक्यूटिव को ज़रूरी निर्देश जारी करने का अधिकार नहीं देती। अगर राज्य सरकार कमीशन की सिफारिशें नहीं मानती है तो एक्ट की धारा 18(b) के तहत हाई कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट जाने का उपाय देता है।
आगे की कार्रवाई पेंडिंग रहने तक कोर्ट ने आदेश दिया कि सभी याचिकाकर्ता के खिलाफ ह्यूमन राइट्स कमीशन द्वारा जारी किए गए निर्देशों पर रोक रहेगी।
मामले की अगली सुनवाई 13 जनवरी को होगी।