पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा आयुक्त को 'अस्पष्ट' आदेश के लिए फटकार लगाई, सीनियर अधिकारियों के प्रशिक्षण पर मुख्य सचिव से जवाब मांगा
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा में अपीलीय प्राधिकारियों द्वारा वैधानिक शक्तियों का प्रयोग करते हुए अस्पष्ट आदेश पारित करने की बढ़ती प्रवृत्ति पर चिंता व्यक्त की।
कोर्ट हिसार संभाग के आयुक्त द्वारा पारित आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जो कथित तौर पर "बिना कोई कारण बताए अस्पष्ट और रहस्यमय आदेश" था।
जस्टिस जसगुरप्रीत सिंह पुरी ने हिसार संभाग के आयुक्त को व्यक्तिगत हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया, जिसमें यह स्पष्ट किया जाए कि उन्होंने "पूरी तरह से अध्ययन और जांच" क्या की है, जैसा कि विवादित आदेश में दावा किया गया, क्योंकि अपील को खारिज करने का कोई कारण दर्ज नहीं किया गया।
यह निर्देश दो आदेशों को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई के दौरान आया, जिनमें से एक आदेश हिसार संभाग के आयुक्त द्वारा पारित किया गया, जिसके बारे में याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया था कि वह पूरी तरह से अस्पष्ट था।
याचिकाकर्ता के वकील ने तर्क दिया कि आयुक्त द्वारा यह कहने के बावजूद कि उन्होंने "तथ्यों और अभिलेखों की गहन जांच" की, उनके आदेश में साक्ष्य या तर्क की कोई चर्चा नहीं थी, जिससे यह आदेश टिकने योग्य नहीं है।
प्रतिवेदनों को सुनने के बाद कोर्ट ने पाया,
"अपील को खारिज करने के कारणों को दर्शाने वाला कोई भी अभिलेख उपलब्ध नहीं है।"
यह देखते हुए कि ऐसे आदेश आम होते जा रहे हैं, कोर्ट ने टिप्पणी की:
"यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि बड़ी संख्या में मामलों में अपीलीय प्राधिकारी बिना कोई कारण दर्ज किए वैधानिक शक्तियों का प्रयोग करते हुए इस प्रकार के आदेश पारित कर रहे हैं।"
कोर्ट ने यह भी संकेत दिया कि वह अगली सुनवाई की तारीख पर अपीलीय और वैधानिक प्राधिकारियों को तर्कसंगत और कानूनी रूप से टिकाऊ आदेश पारित करने के तरीके पर व्याख्यान और प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए कानूनी विशेषज्ञ या प्राधिकारी की नियुक्ति पर विचार करेगा।
इस कोर्ट ने राज्य के वकील से अनुरोध किया कि वे अगली सुनवाई की तिथि पर न्यायालय को सूचित करें कि क्या "वह हरियाणा राज्य के सीनियर अधिकारियों, जो वैधानिक शक्तियों का प्रयोग करते हैं, उनको प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए तैयार होंगे या नहीं, जिस पर उन्होंने निवेदन किया कि वे अगली सुनवाई की तिथि पर कोर्ट को सूचित करेंगे।"
हरियाणा राज्य के सीनियर अधिकारियों, जो वैधानिक शक्तियों का प्रयोग करते हैं, उनको प्रशिक्षण प्रदान करने के संबंध में उपरोक्त मुद्दे पर हरियाणा सरकार के मुख्य सचिव को अगली सुनवाई की तिथि तक या उससे पहले अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया गया।
इस मामले की सुनवाई आगे के विचारार्थ 18 नवंबर तक स्थगित की जाती है।
Title: BHANUJ GUPTA v. STATE OF HARYANA AND OTHERS