पंजाब पुलिस के सीनियर आधिकारी पर सेक्सुअल सर्विस मांगने का आरोप, हाईकोर्ट ने सोशल मीडिया से रिकॉर्डिंग हटाने के आदेश पर लगाई रोक

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने गुरुवार को मजिस्ट्रेट कोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी, जिसमें विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से पंजाब के सीनियर पुलिस अधिकारी की कथित वायरल कॉल रिकॉर्डिंग हटाने के लिए कहा गया। इस रिकॉर्डिंग में एक महिला से यौन सेवा मांगने की बात कही गई थी।
जस्टिस मंजरी नेहरू कौल ने विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से यूआरएल, लिंक हटाने के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर नोटिस जारी किया। मामले की अगली सुनवाई 29 जुलाई के लिए तय की गई।
पीठ ने निर्देश दिया इस बीच अगली सुनवाई की तारीख तक विवादित आदेश का क्रियान्वयन स्थगित रहेगा।
सीनियर एडवोकेट बिपन घई ने तर्क दिया कि लुधियाना न्यायालय ने विवादित आदेश को जनहित याचिका मानते हुए पारित किया, जो मजिस्ट्रेट के अधिकार क्षेत्र से बाहर है।
उन्होंने कहा,
"JMIC लुधियाना द्वारा पारित दिनांक 07.04.2025 का विवादित आदेश अधिकार क्षेत्र से बाहर है। इसमें गंभीर कमियां हैं, जिसमें प्राकृतिक न्याय का उल्लंघन मजिस्ट्रेट में निहित नहीं शक्तियों का ग्रहण और न्यायिक अधिकार का स्पष्ट अतिक्रमण शामिल है।"
यह प्रस्तुत किया गया कि लिंक हटाने के निर्देश मांगने वाला आवेदन किसी पीड़ित पक्ष या कथित ऑनलाइन सामग्री से सीधे प्रभावित किसी व्यक्ति द्वारा नहीं, बल्कि एक तीसरे पक्ष द्वारा दायर किया गया, जो सामाजिक कार्यकर्ता होने का दावा कर रहा था।
वकील ने कहा कि ऐसे व्यक्ति के पास आवेदन को बनाए रखने का अधिकार नहीं था और मजिस्ट्रेट इसे जनहित याचिका के रूप में स्वीकार नहीं कर सकते, जो संविधान के अनुच्छेद 226 और 32 के तहत संवैधानिक न्यायालयों के लिए विशेष रूप से आरक्षित अधिकार क्षेत्र है।
यह भी रेखांकित किया गया कि किसी विशेषज्ञ रिपोर्ट या फोरेंसिक इनपुट के बिना न्यायाधीश ने निष्कर्ष निकाला कि विचाराधीन ऑडियो क्लिप 'संभवतः एआई द्वारा उत्पन्न' और 'डिजिटल रूप से हेरफेर' थी।
सीनियर एडवोकेट ने कहा कि यह आदेश न केवल विशिष्ट यूआरएल को लक्षित करता है बल्कि भविष्य में किसी भी समान सामग्री के प्रसार पर भी पूरी तरह प्रतिबंध लगाता है।
यह प्रस्तुत किया गया कि अस्पष्ट और अत्यधिक व्यापक प्रतिबंध, जिसमें स्पष्ट परिभाषा या दायरा नहीं है, मुक्त भाषण पर असंवैधानिक पूर्व प्रतिबंध के बराबर है।
केस टाइटल: पंज दरिया विजिलेंट मीडिया प्राइवेट लिमिटेड और अन्य बनाम पंजाब राज्य और अन्य