NDPS Act | भारी मात्रा में बरामदगी होने पर लंबी हिरासत जमानत का आधार नहीं हो सकती: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने ड्रग रैकेट के आरोपियों की जमानत याचिकाएं खारिज कीं

Update: 2025-05-06 06:01 GMT

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब में संचालित कथित बड़े ड्रग रैकेट मामले में 17 आरोपियों को जमानत देने से इनकार किया। कोर्ट ने कहा कि जब मादक पदार्थों की बरामदगी भारी मात्रा में हो तो केवल लंबी हिरासत को जमानत का आधार नहीं बनाया जा सकता।

यह मामला 2020 की एक FIR से जुड़ा है, जिसमें आरोप है कि आरोपियों ने एक गिरोह बनाकर राज्य के बाहर से नशीली गोलियां और अन्य मादक पदार्थ खरीदकर पंजाब के गांवों में सप्लाई किए।

जस्टिस महाबीर सिंह सिंधु ने कहा,

“सामान्य मामलों में लंबी कैद जमानत का आधार हो सकती है लेकिन इस मामले में आरोपियों के खिलाफ जो बरामदगी हुई, वह केवल कमर्शियल नहीं बल्कि अत्यधिक मात्रा में है, जिसमें 3,05,72,696 नशीली गोलियां और कैप्सूल 15 किलोग्राम 70 ग्राम टूटे हुए टैबलेट्स, 9,35,000 की ड्रग मनी, छह वाहन और 10 मोबाइल फोन शामिल हैं।”

कोर्ट ने यह भी बताया कि कुछ आरोपियों को देश के विभिन्न हिस्सों जैसे पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, पंजाब, राजस्थान और दिल्ली से गिरफ्तार किया गया, जो यह दर्शाता है कि यह एक बड़े स्तर का ड्रग रैकेट है, जिसमें गहरी साज़िश शामिल है।

कोर्ट ने यह टिप्पणी NDPS Act की धारा 21, 22, 25 और 29 के तहत दाखिल 17 जमानत याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए की।

कोर्ट ने NDPS Act की धारा 37 का हवाला देते हुए कहा कि यह धारा CrPC की धारा 439 (अब BNSS 2023 की धारा 483) पर वरीयता रखती है। इसके तहत कमर्शियल मात्रा से जुड़े मामलों में जमानत केवल तभी दी जा सकती है जब न्यायालय को यह विश्वास हो कि आरोपी दोषी नहीं है और जमानत पर रहने के दौरान कोई अपराध नहीं करेगा।

कोर्ट ने स्पष्ट किया कि ये दोनों शर्तें एक साथ पूरी होनी चाहिए वैकल्पिक नहीं हैं।

कोर्ट ने आगे बताया कि अब तक 54 अभियोजन गवाहों की गवाही हो चुकी है, अभियोजन की ओर से कोई देरी नहीं हुई है। मुकदमे की कार्यवाही सामान्य गति से चल रही है। साथ ही आरोपियों का आपराधिक इतिहास भी साफ नहीं है बल्कि वे आदतन अपराधी हैं।

जमानत याचिकाओं को खारिज करते हुए हाईकोर्ट ने विशेष अदालत को निर्देश दिया कि मामले की सुनवाई शीघ्रता से की जाए और दोनों पक्षों की ओर से अनावश्यक स्थगन से बचा जाए।

केस टाइटल: राकेश बंसल बनाम पंजाब राज्य [संबंधित याचिकाओं सहित]

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