जज की सुरक्षा में सेंध | पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने जज बढ़ी हुई सुरक्षा जारी रखने का निर्देश दिया, खतरे के अनुसार सुरक्षा कम करने को कहा
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने हाईकोर्ट के मौजूदा जज, हाल ही में अमृतसर स्थित स्वर्ण मंदिर में जिनकी सुरक्षा में सेंध लगी थी, उन्हें प्रदान की गई सुरक्षा को जारी रखने का निर्देश दिया है। इससे पहले, न्यायालय ने जज की सुरक्षा में उनके निजी सुरक्षा प्रबंध के साथ-साथ 3-4 केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जवानों को तैनात करने का निर्देश दिया था।
22 सितंबर को एक व्यक्ति ने स्वर्ण मंदिर में हाईकोर्ट के जज के निजी सुरक्षा अधिकारी (पीएसओ) की बंदूक निकाली और "जज को नुकसान पहुंचाने के संभावित इरादे से" स्वर्ण मंदिर के प्रवेश द्वार की ओर भागा।
पीएसओ ने उसके आगे बढ़ने को रोका और उसके बाद हुई हाथापाई में, बदमाश ने खुद को सिर में गोली मार ली। न्यायालय ने उपरोक्त घटना की समाचार पत्र रिपोर्ट का स्वतः संज्ञान लिया था।
याचिका का निपटारा करते हुए चीफ जस्टिस शील नागू और जस्टिस सुधीर सिंह ने कहा,
"यह निर्देश दिया जाता है कि इसे वर्तमान स्थिति में जारी रखा जाए और विद्वान जज को अपने विवेक का प्रयोग करके खतरे की आशंका के अनुरूप इसे कम करने का अवसर दिया जाए।"
यह कहते हुए कि याचिका पिछले चार महीनों से अधिक समय से लंबित है, न्यायालय ने कहा कि, "विद्वान जज द्वारा अनुभव की गई खतरे की आशंका समय बीतने के साथ अपनी तीव्रता खो सकती है, यह न्यायालय इस याचिका को लंबित न रखना उचित समझता है।"
न्यायालय ने उल्लेख किया कि जांच अधिकारी यानि हरियाणा के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की पुलिस अधीक्षक मनीषा चौधरी, जिन्हें कथित घटना से संबंधित तीन एफआईआर की जांच सौंपी गई थी, ने बताया कि तीनों एफआईआर की जांच पूरी हो चुकी है और एक सप्ताह के भीतर क्षेत्राधिकार मजिस्ट्रेट के समक्ष अंतिम रिपोर्ट दाखिल कर दी जाएगी।
अदालत ने कहा,
"क्षेत्राधिकार मजिस्ट्रेट/अदालत इस याचिका में पारित आदेशों और इस तथ्य से प्रभावित हुए बिना कानून की उचित प्रक्रिया को अपनाकर अंतिम रिपोर्ट पर विचार करने के लिए स्वतंत्र है कि यह मुद्दा पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के मौजूदा जज की सुरक्षा से संबंधित है।"
उपरोक्त टिप्पणियों के साथ याचिका का निपटारा किया गया।