हाईकोर्ट ने पंजाब के गृह सचिव से फोरेंसिक लैब अपग्रेड की कार्य स्थिति मांगी
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने क्षेत्र में फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (FSL) के उन्नयन के लिए कार्य योजना पर पंजाब के गृह सचिव से हलफनामा मांगा है।
अदालत ने जमानत याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए पाया कि याचिकाकर्ता द्वारा प्रदान किए गए सीसीटीवी फुटेज की जांच एफएसएल, पंजाब, एसएएस नगर, मोहाली में सुविधा की कमी के कारण नहीं की जा सकी।
जस्टिस संदीप मोदगिल ने कहा, 'राज्य को निर्देश दिया जाता है कि वह आज से दो सप्ताह के भीतर एसएएस नगर, मोहाली में फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला, एसएएस नगर के साथ-साथ बठिंडा, अमृतसर और लुधियाना स्थित क्षेत्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशालाओं के उन्नयन के लिए व्यापक कार्यक्रम और कार्य योजना देते हुए गृह सचिव का हलफनामा दाखिल करे'
अदालत ने कहा कि पहले एक जनहित याचिका में यह हलफनामे पर दायर किया गया था कि विभिन्न उपकरणों की खरीद और फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला, एसएएस, नगर, मोहाली के साथ-साथ बठिंडा, अमृतसर और लुधियाना में स्थित तीन क्षेत्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशालाओं के उन्नयन के लिए सैकड़ों लाख रुपये स्वीकृत किए गए थे और वास्तव में खर्च किए गए थे।
गृह सचिव के हलफनामे के साथ, अदालत ने डॉ अश्विनी कालिया, निदेशक फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला, पंजाब, एसएएस नगर का एक और हलफनामा भी मांगा, जिसमें स्पष्ट रूप से उस प्रक्रिया तक सीमित विवरण दिया गया है जिसे शुरू किया गया है और विभिन्न शाखाओं/विभागों में फाइल के प्रसार के साथ अब तक की गई प्रगति है।
यह ध्यान देने योग्य है कि हाल ही में हाईकोर्ट ने कहा कि एफएसएल के साथ व्यापक बैकलॉग, जिसके कारण परीक्षणों में अनुचित देरी हुई है, समय पर न्याय प्रशासन सुनिश्चित करने में राज्यों की ओर से एक गंभीर विफलता का खुलासा करता है।