पंजाब सरकार ने पुलिस के सामने नामांकन पत्र छीनने का आरोप लगाते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर किए जाने के बाद कुछ वार्डों में निकाय चुनाव स्थगित किए
पंजाब सरकार ने पटियाला और धर्मकोट जिले के कुछ वार्डों में नगर निगम चुनाव स्थगित कर दिए। पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई, जिसमें पुलिस के सामने नामांकन पत्र छीनने का आरोप लगाया गया।
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं ने वीडियो दिखाए जिसमें साफ तौर पर देखा जा सकता है कि जब पुलिसकर्मियों के सामने अपराधियों ने महिलाओं के नामांकन पत्र छीने और उन्हें नष्ट किया, तो कुछ पुलिसकर्मी खड़े थे।
जस्टिस हरकेश मनुजा ने कहा,
"पंजाब के एडवोकेट जनरल ने यह भी आश्वासन दिया कि दोषी अधिकारियों/निजी व्यक्तियों, जो याचिकाकर्ताओं द्वारा वर्तमान अवमानना याचिकाओं के साथ संलग्न वीडियो में दिखाई दे रहे हैं, के खिलाफ जल्द से जल्द कानून के अनुसार कार्यवाही शुरू की जाएगी।"
न्यायालय अवमानना याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें कहा गया कि चुनावों में उचित प्रक्रिया का पालन करने के लिए हाईकोर्ट द्वारा अधिकारियों को जारी किए गए निर्देश का पालन नहीं किया गया।
याचिका में कहा गया,
"सत्तारूढ़ सरकार और उसके समर्थकों की सुविधा के लिए चुनाव के लोकतांत्रिक ताने-बाने को नुकसान पहुंचाने के लिए प्रशासनिक शक्ति का दुरुपयोग किया गया।"
यह आरोप लगाया गया कि पंजाब सरकार के अधिकारियों ने सत्ताधारी सरकार के समर्थकों के साथ मिलकर दूसरे दल के उम्मीदवार के दस्तावेज़/नामांकन पत्र नष्ट कर दिए जबकि प्रशासनिक अधिकारियों ने उन्हें इस काम में मदद की और पुलिस अधिकारियों ने उनकी राजनीतिक संबद्धता का स्वागत करने के लिए चुप्पी साधे रखी।
एजी पंजाब गुरमिंदर सिंह ने प्रस्तुत किया कि राज्य द्वारा पटियाला और धर्मकोट (जहां कथित तौर पर घटनाएं हुई थीं) के कुछ वार्डों से संबंधित चुनाव स्थगित करने का निर्णय लिया गया।
केस टाइटल- इंदरप्रीत सिंह बनाम तेजवीर सिंह आईएएस और अन्य