एक हाईकोर्ट से दूसरे हाईकोर्ट में मामला ट्रांसफर करने का अधिकार नहीं: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट

Update: 2025-08-06 06:27 GMT

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने माना कि उसे किसी मामले को एक हाईकोर्ट से दूसरे हाईकोर्ट में ट्रांसफर करने का अधिकार नहीं है।

चीफ जस्टिस शील नागू और जस्टिस संजीव बेरी की खंडपीठ ने कहा,

"जहां तक उपरोक्त तीनों मामलों को किसी अन्य हाईकोर्ट में ट्रांसफर करने की प्रार्थना का संबंध है, उसे स्वीकार नहीं किया जा सकता, क्योंकि इस उद्देश्य के लिए इस न्यायालय को ऐसी कोई शक्ति प्राप्त नहीं है। याचिकाकर्ता उपयुक्त मंच से संपर्क करने के लिए स्वतंत्र है।"

यह याचिका एक वकील द्वारा दायर की गई, जिसमें हाईकोर्ट के जज के समक्ष लंबित अपने तीनों मामलों को किसी अन्य पीठ या किसी अन्य हाईकोर्ट में ट्रांसफर करने की मांग की गई थी।

याचिका खारिज करते हुए न्यायालय ने कहा,

"जहां तक उक्त तीनों मामलों को इस हाईकोर्ट के एक न्यायालय से दूसरे न्यायालय में ट्रांसफर करने का प्रश्न है, उक्त प्रार्थना पर हाल ही में प्रशासनिक पक्ष द्वारा विचार किया गया और उसे अस्वीकार कर दिया गया।

खंडपीठ की ओर से बोलते हुए चीफ जस्टिस शील नागू ने कहा कि भारत के संविधान के अनुच्छेद 226 के तहत अधिकार क्षेत्र का प्रयोग राज्य या राज्य के किसी निकाय द्वारा अनुच्छेद 12 के तहत पारित आदेशों की वैधता का आकलन करने के लिए किसी रिट की मांग करके या किसी सार्वजनिक कार्य के निष्पादन के लिए किया जा सकता है।

खंडपीठ ने कहा,

"सिविल या आपराधिक क्षेत्राधिकार में एकल जज द्वारा पारित आदेश के विरुद्ध उपाय या तो यह दर्शाते हुए एक एलपीए दायर करके है कि एकल पीठ ने क्षेत्राधिकार के दायरे का अतिक्रमण करते हुए आदेश पारित किया या हाईकोर्ट अर्थात सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाकर है।"

केस टाइटल: रवनीत कौर बनाम पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट, चंडीगढ़ एवं अन्य।

Tags:    

Similar News