वकालत लाइसेंस के निलंबन को छिपाने पर हाईकोर्ट ने वकील पर जुर्माना लगाया

Update: 2025-09-15 10:08 GMT

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने वकील पर जुर्माना लगाया, जिसने जनहित याचिका (PIL) दायर करते हुए महत्वपूर्ण तथ्य कि उसका वकालत का लाइसेंस निलंबित कर दिया गया, उसको छुपाया गया।

चीफ जस्टिस शील नागू और जस्टिस संजीव बेरी की खंडपीठ ने अपने आदेश में कहा, 

"ऐसा प्रतीत होता है कि याचिकाकर्ता बेदाग़ नहीं है, क्योंकि उसने यह खुलासा नहीं किया कि एक वकील के रूप में उसका लाइसेंस पंजाब एवं हरियाणा बार काउंसिल द्वारा 23.11.2022 के आदेश के तहत निलंबित कर दिया गया, जो मामला अभी भी पंजाब एवं हरियाणा बार काउंसिल के समक्ष विचाराधीन है।"

अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता यह भी बताने में विफल रहा है कि निलंबन को चुनौती देने वाली उसकी याचिका (सिमरनजीत सिंह बनाम पंजाब एवं हरियाणा बार काउंसिल एवं अन्य) 28.05.2025 के आदेश के तहत अभियोजन के अभाव में खारिज कर दी गई।

सिमरनजीत सिंह एक वकील हैं। उन्होंने जनहित याचिका दायर कर कथित जनहित का मुद्दा उठाया कि जालंधर, पंजाब राज्य विद्युत निगम लिमिटेड (PSPCL) में भ्रष्टाचार हो रहा है और बकायादारों से भारी मात्रा में धनराशि वसूल की जानी बाकी है।

सुनवाई के दौरान अटॉर्नी जनरल मनिंदरजीत सिंह बेदी ने अदालत का ध्यान इस ओर दिलाया कि व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने वाले याचिकाकर्ता एक वकील हैं, जिनका लाइसेंस निलंबित कर दिया गया।

अदालत ने टिप्पणी की, 

"सच्चाई यह है कि याचिकाकर्ता को सभी तथ्यों का खुलासा करना चाहिए था।"

अदालत ने आगे कहा, 

"उक्त तथ्यों को छिपाया गया। इसलिए वर्तमान याचिका (सीडब्ल्यूपी-पीआईएल-257-2025) 15,000 रुपये के जुर्माने के साथ खारिज की जाती है, जिसे एक सप्ताह के भीतर पंजाब राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण आपदा राहत कोष में जमा किया जाए।"

Tags:    

Similar News