2016 Fake Students Scam: हरियाणा के सरकारी स्कूलों में फर्जी दाखिलों की जांच की स्थिति की जानकारी मांगी गई
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा के सरकारी स्कूलों में 4 लाख छात्रों के नाम पर फर्जी दाखिले के मामले की जांच कर रहे अधिकारी को तलब किया।
2016 में हाईकोर्ट ने पाया कि हरियाणा सरकार द्वारा स्कूलों में दिखाए गए 4 लाख स्टूडेंट का डेटा "फर्जी" था। उन स्टूडेंट को रिकॉर्ड में दिखाकर अतिथि शिक्षकों की भर्ती की गई। 2019 में मामले को तीन महीने की अवधि के भीतर जांच के लिए CBI को सौंप दिया गया।
जस्टिस संजीव प्रकाश शर्मा और जस्टिस सुदीप्ति शर्मा की खंडपीठ ने स्टेटस रिपोर्ट मांगी और निर्देश दिया,
"जांच करने वाला जिम्मेदार अधिकारी स्थगित तिथि पर अदालत में मौजूद रहेगा।"
2016 में हरियाणा के सरकारी स्कूलों में अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने पाया कि विभिन्न कक्षाओं में सरकारी स्कूलों में 22 लाख स्टूडेंट के नामांकन के मुकाबले वास्तव में 18 लाख स्टूडेंट पाए गए। 4,00,000 फर्जी दाखिले किए गए।
खंडपीठ ने कहा कि चूंकि 4 लाख दाखिले फर्जी पाए गए। इसका सीधा मतलब यह है कि युक्तिकरण के बाद भी शिक्षकों की भर्ती के लिए राज्य द्वारा जो भी आकलन किया गया, वह सही नहीं था।
इसने जांच करने का निर्देश दिया और राज्य को उक्त उद्देश्य के लिए सीनियर अधिकारी नियुक्त करने को कहा, जिससे विभिन्न स्कूलों को गैर-मौजूद 4 लाख छात्रों के लिए धन की हेराफेरी की जा सके।
उपरोक्त निर्देशों के संदर्भ में राज्य ने अपना उचित जवाब प्रस्तुत नहीं किया, जिसके बाद 2019 में हाईकोर्ट ने अंततः SIT को एफआईआर के दस्तावेज पुलिस अधीक्षक, CBI, चंडीगढ़ को सौंपने का निर्देश दिया।
CBI ने सुप्रीम कोर्ट का रुख करते हुए दावा किया कि जांच के लिए भारी जनशक्ति की आवश्यकता हो सकती है और जांच हरियाणा पुलिस को दी जानी चाहिए। हालांकि 2023 में याचिका खारिज कर दी गई।
हाईकोर्ट द्वारा मामले में स्टेटस रिपोर्ट मांगे जाने के बाद लगभग पांच साल बाद CBI ने कथित तौर पर अब मामले में एफआईआर दर्ज की।
मामले को आगे के विचार के लिए 22 जुलाई को सूचीबद्ध किया गया।
केस टाइटल- सुनील कुमार और अन्य बनाम हरियाणा राज्य और अन्य