ज्योतिरादित्य सिंधिया के खिलाफ फेसबुक पोस्ट करने वाले कांग्रेस कार्यकर्ता को मिली अग्रिम ज़मानत
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने मंगलवार को पूर्व कांग्रेस पार्षद महेंद्र जैन को अग्रिम ज़मानत दी, जिन पर अपने फेसबुक अकाउंट से केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी पोस्ट करने का आरोप है।
जस्टिस मिलिंद रमेश फड़के की पीठ ने कथित अपराधों के लिए निर्धारित दंड और आरोप की प्रकृति को ध्यान में रखते हुए उन्हें राहत प्रदान की।
बता दें, जैन पर भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 352 [शांति भंग करने के इरादे से जानबूझकर अपमान करना] 353(2) [सार्वजनिक रूप से शरारत करने वाले बयान], और 356(2) [मानहानि] के तहत FIR दर्ज है।
FIR के अनुसार, ग्वालियर के खिरका टांका गांव का वीडियो इंटरनेट पर सामने आया। इस वीडियो में एक महिला को धार्मिक प्रवक्ता अनिरुद्ध आचार्य से गांव के स्कूलों की खराब स्थिति की शिकायत करते हुए दिखाया गया। उसने यह भी आरोप लगाया कि स्थानीय विधायक के घर से स्कूल सिर्फ़ 2 किलोमीटर दूर होने के बावजूद शिक्षक शायद ही कभी कक्षाएं लेते हैं।
यह वीडियो कांग्रेस नेता सचिन शर्मा ने अपने फेसबुक पेज पर शेयर किया। इस पोस्ट में जैन ने कथित तौर पर केंद्रीय मंत्री सिंधिया के बारे में अभद्र और आपत्तिजनक टिप्पणी की।
कथित टिप्पणी से क्षुब्ध होकर सिंधिया के समर्थकों ने स्थानीय पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद उनके खिलाफ संबंधित FIR दर्ज की गई।
हाईकोर्ट में जैन के वकील ने तर्क दिया कि उन्हें इस मामले में झूठा फंसाया गया और कथित अपराधों के लिए अनिवार्य सजा का प्रावधान नहीं है।
यह भी कहा गया कि आवेदक का कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है। उन्हें नज़रबंद रखने से व्यक्तिगत असुविधा और सामाजिक बदनामी होगी। दूसरी ओर राज्य के वकील ने उसकी अग्रिम ज़मानत याचिका का विरोध किया।
सिंगल जज ने निम्नलिखित टिप्पणियां करते हुए उसे राहत प्रदान करना उचित समझा,
"यह ध्यान में रखते हुए कि BNS, 2023 की धारा 352, 353(2) और 356(2) के तहत आरोपित अपराध अनिवार्य सजा से दंडनीय नहीं हैं और आरोप की प्रकृति को देखते हुए मामले के गुण-दोष पर कोई राय व्यक्त किए बिना यह अदालत BNSS, 2023 की धारा 482 के तहत इस आवेदन को स्वीकार करने का इरादा रखती है।"