वायु (प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण) अधिनियम, 1981 की धारा 32-34 : Boards का वित्तपोषण, लेखा और लेखापरीक्षा

Update: 2025-08-11 11:38 GMT

वायु (प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण) अधिनियम, 1981, के तहत, प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों (Pollution Control Boards) को अपने कार्यों को प्रभावी ढंग से करने के लिए आवश्यक वित्तीय तंत्र (Financial Mechanisms) प्रदान किए गए हैं। अध्याय V में विशेष रूप से इन बोर्डों के फंड (Fund), उधार लेने की शक्तियों (Borrowing Powers), और बजटीय प्रक्रियाओं (Budgetary Procedures) का विवरण दिया गया है। ये प्रावधान यह सुनिश्चित करते हैं कि बोर्डों के पास पर्याप्त संसाधन हों और वे अपने वित्त के प्रबंधन में जवाबदेह (Accountable) हों।

केंद्रीय सरकार द्वारा योगदान और बोर्ड का फंड (Contributions by Central Government and Board's Fund)

धारा 32 में यह प्रावधान है कि केंद्र सरकार प्रत्येक वित्तीय वर्ष (Financial Year) में राज्य बोर्डों (State Boards) को ऐसा योगदान (Contributions) दे सकती है जो उनके कार्यों को करने के लिए आवश्यक हो। यह योगदान संसद द्वारा कानून के माध्यम से उचित विनियोग (Appropriation) के बाद ही किया जा सकता है। यह प्रावधान राज्य बोर्डों को अपने काम को निर्बाध रूप से जारी रखने के लिए एक वित्तीय आधार प्रदान करता है। हालाँकि, यह उन बोर्डों पर लागू नहीं होता जो जल (प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण) अधिनियम, 1974 के तहत गठित किए गए हैं और जिन्हें पहले से ही अपने कार्यों के लिए अपने फंड से धन खर्च करने का अधिकार है।

धारा 33 प्रत्येक राज्य बोर्ड के लिए अपना फंड (Own Fund) बनाने का प्रावधान करती है। इस फंड में केंद्र सरकार और राज्य सरकार से प्राप्त सभी योगदान, फीस (Fees), उपहार (Gifts), अनुदान (Grants), दान (Donations) और अन्य सभी प्राप्तियाँ (Receipts) शामिल होती हैं। बोर्ड के सभी भुगतान (Payments) इसी फंड से किए जाते हैं। यह बोर्ड को अपने वित्त का प्रबंधन करने के लिए एक स्वायत्त ढाँचा (Autonomous Framework) देता है। बोर्ड अधिनियम के तहत अपने कार्यों को करने के लिए जितना उचित समझे, उतना पैसा खर्च कर सकता है, और इन खर्चों को बोर्ड के फंड से देय (Payable) माना जाता है।

________________________________________

उधार लेने की शक्तियाँ और बजट (Borrowing Powers and Budget)

धारा 33A बोर्डों को उधार लेने की शक्तियाँ (Borrowing Powers) देती है। एक बोर्ड केंद्र सरकार या राज्य सरकार की सहमति (Consent) से या उनके द्वारा दिए गए सामान्य या विशेष अधिकार (General or Special Authority) के अनुसार किसी भी स्रोत (Any Source) से ऋण (Loans), बॉन्ड (Bonds), डिबेंचर (Debentures) या अन्य उपकरणों (Instruments) के माध्यम से धन उधार ले सकता है। यह शक्ति बोर्डों को बड़े पैमाने पर परियोजनाओं (Large-scale Projects) या बुनियादी ढाँचे (Infrastructure) में निवेश करने के लिए आवश्यक पूंजी (Capital) जुटाने में सक्षम बनाती है, जो वायु प्रदूषण से निपटने के लिए महत्वपूर्ण हो सकते हैं।

धारा 34 केंद्रीय और राज्य बोर्ड दोनों के लिए बजट (Budget) प्रक्रिया को अनिवार्य करती है। प्रत्येक वित्तीय वर्ष के दौरान, बोर्डों को अगले वित्तीय वर्ष के लिए अनुमानित प्राप्तियों (Estimated Receipts) और खर्चों (Expenditure) को दर्शाते हुए एक बजट तैयार करना होता है। इस बजट की प्रतियाँ (Copies) क्रमशः केंद्र सरकार या राज्य सरकार को भेजी जाती हैं।

यह प्रक्रिया यह सुनिश्चित करती है कि बोर्डों का वित्तीय प्रबंधन पारदर्शी (Transparent) और नियंत्रित (Controlled) हो, और वे अपने खर्चों और आय के लिए सरकार के प्रति जवाबदेह (Accountable) हों। यह बजटीय प्रक्रिया सरकार को बोर्डों की वित्तीय आवश्यकताओं की निगरानी करने और उनकी योजनाओं को अनुमोदित (Approve) करने की अनुमति देती है, जो उनके कार्यों के उचित निष्पादन के लिए आवश्यक है।

Tags:    

Similar News