राजस्थान न्यायालय शुल्क मूल्यांकन अधिनियम, 1961 की धारा 46 और 47: सामान्य अपीलों में शुल्क

Update: 2025-04-30 13:02 GMT

राजस्थान न्यायालय शुल्क और वाद मूल्यांकन अधिनियम, 1961 (Rajasthan C ourt Fees and Suits Valuation Act, 1961) न्यायालयों में दायर किए जाने वाले विभिन्न प्रकार के दीवानी वादों (Civil Suits) और अपीलों (Appeals) पर लगने वाले शुल्क (Court Fees) और उनके मूल्यांकन (Valuation) से संबंधित प्रावधानों को निर्धारित करता है।

इस अधिनियम की धाराएँ 46 और 47 विशेष रूप से मुआवजा संबंधित आदेशों के विरुद्ध अपीलों और सामान्य अपीलों में शुल्क निर्धारण से संबंधित हैं। इस लेख में हम इन धाराओं का सरल हिंदी में विस्तृत विश्लेषण करेंगे।

धारा 46: मुआवजा संबंधित आदेशों के विरुद्ध अपीलों में शुल्क

धारा 46 के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति किसी अधिनियम के अंतर्गत सार्वजनिक प्रयोजनों के लिए संपत्ति अधिग्रहण (Acquisition of Property for Public Purposes) के संबंध में मुआवजा (Compensation) से संबंधित आदेश के विरुद्ध अपील करता है, तो उसे अपील ज्ञापन (Memorandum of Appeal) पर शुल्क उस राशि के अंतर के आधार पर देना होगा जो उसे प्रदान की गई है और जो वह दावा करता है।

उदाहरण के लिए, यदि किसी व्यक्ति को भूमि अधिग्रहण के लिए ₹1,00,000 का मुआवजा प्रदान किया गया है, लेकिन वह ₹1,50,000 का दावा करता है, तो अपील पर शुल्क ₹50,000 के अंतर के आधार पर निर्धारित किया जाएगा।

धारा 47: सामान्य अपीलों में शुल्क

धारा 47 के अनुसार, किसी अपील में देय शुल्क वही होगा जो प्रथम दृष्टि में न्यायालय (Court of First Instance) में वाद की विषयवस्तु (Subject-Matter) पर देय होता।

यदि कोई व्यक्ति प्रारंभिक डिक्री (Preliminary Decree) के विरुद्ध अपील करता है और फिर अंतिम डिक्री (Final Decree) के विरुद्ध भी अपील करता है, तो अंतिम डिक्री की अपील पर शुल्क निर्धारित करते समय प्रारंभिक डिक्री की अपील पर पहले से भुगतान किए गए शुल्क का क्रेडिट दिया जाएगा।

व्याख्याएँ:

1. राहत की स्वीकृति या अस्वीकृति: यदि अपील राहत की स्वीकृति या अस्वीकृति के विरुद्ध है, तो अपील में देय शुल्क वही होगा जो प्रथम दृष्टि में न्यायालय में राहत पर देय होता।

2. मूल्यांकन: अपील की विषयवस्तु का मूल्यांकन उस दिनांक के अनुसार किया जाएगा जिस दिन वाद प्रस्तुत किया गया था।

राजस्थान न्यायालय शुल्क और वाद मूल्यांकन अधिनियम, 1961 की धाराएँ 46 और 47 विभिन्न प्रकार की अपीलों में शुल्क निर्धारण के स्पष्ट प्रावधान प्रदान करती हैं। धारा 46 मुआवजा संबंधित आदेशों के विरुद्ध अपीलों में शुल्क निर्धारण की प्रक्रिया को स्पष्ट करती है, जबकि धारा 47 सामान्य अपीलों में शुल्क निर्धारण के लिए एक संरचित ढांचा प्रदान करती है। इन प्रावधानों का उद्देश्य न्यायिक प्रक्रिया को पारदर्शी, निष्पक्ष और सुलभ बनाना है, ताकि सभी नागरिक अपने अधिकारों की रक्षा के लिए न्यायालय की शरण ले सकें।

Tags:    

Similar News