धारा 243, BNSS 2023: एक ही घटनाक्रम में अनेक अपराधों का संयुक्त मुकदमा - भाग 1
परिचय: धारा 243 क्या है?
भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (Bharatiya Nagarik Suraksha Sanhita - BNSS) 2023 की धारा 243 यह प्रावधान करती है कि यदि कोई व्यक्ति एक ही घटनाक्रम (Transaction) के अंतर्गत कई अपराध करता है, तो इन सभी अपराधों का एक ही मुकदमे में संयुक्त रूप से विचार किया जा सकता है।
इसका उद्देश्य न्यायिक प्रक्रिया को सरल बनाना और एक ही घटनाक्रम में जुड़े अपराधों के लिए एक साथ मुकदमा चलाना है।
यह लेख धारा 243 पर एक श्रृंखला का पहला भाग है, जिसमें हम इसके हर पहलू को विस्तार से समझेंगे। इस लेख में हम सामान्य अवधारणा के साथ-साथ धारा 243 में दिए गए उदाहरणों (Illustrations) पर चर्चा करेंगे, जिससे यह समझने में मदद मिले कि कौन से अपराध एक ही मुकदमे में संयुक्त रूप से सुनवाई के लिए योग्य हैं।
एक ही घटनाक्रम में जुड़े अपराधों की धारणा
धारा 243(1) के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति एक ही जुड़े हुए घटनाक्रम में कई अपराध करता है, तो इन सभी अपराधों का एक ही मुकदमे में विचार किया जा सकता है। "घटनाक्रम" से मतलब है कि ये सभी कृत्य एक ही उद्देश्य या परिणाम के लिए निरंतरता में किए गए हैं, जैसे कि एक ही श्रृंखला में किए गए कार्य।
उदाहरण के तौर पर, अगर कोई व्यक्ति चोरी करता है और भागते समय किसी को घायल कर देता है, तो चोरी और घायल करने की घटना को एक ही घटनाक्रम के रूप में देखा जा सकता है। ऐसे मामलों में, अभियोजन (Prosecution) एक ही मुकदमे में दोनों अपराधों के लिए संयुक्त रूप से आरोप लगा सकता है, बशर्ते वे एक ही घटनाक्रम का हिस्सा हों।
धारा 243(1) के अंतर्गत उदाहरण
BNSS धारा 243 में कुछ विस्तृत उदाहरण दिए गए हैं, जिनसे यह स्पष्ट होता है कि किस प्रकार की स्थिति में कई अपराध एक ही मुकदमे में सुने जा सकते हैं।
उदाहरण (a): कानूनी हिरासत में व्यक्ति का बचाव और चोट पहुंचाना
इस स्थिति में, A, B को कानूनी हिरासत (Lawful Custody) से छुड़ाने का प्रयास करता है और इस दौरान पुलिसकर्मी C को गंभीर चोट पहुंचाता है। यहाँ A ने दो अपराध किए:
1. कानूनी हिरासत से व्यक्ति का बचाव।
2. ड्यूटी पर तैनात सरकारी सेवक को गंभीर चोट पहुंचाना।
चूंकि दोनों कार्य एक ही घटनाक्रम से जुड़े हैं, इसलिए A पर एक ही मुकदमे में दोनों अपराधों का आरोप लगाया जा सकता है।
उदाहरण (b): घर में अवैध प्रवेश और हमला
A दिन में घर में प्रवेश करता है ताकि एक अपराध कर सके, और घर में घुसने के बाद B की पत्नी पर हमला करता है। इसमें दो अपराध शामिल हैं:
1. अपराध करने की मंशा से घर में अवैध प्रवेश।
2. घर में घुसने के बाद हमला।
चूंकि दोनों कार्य एक ही घटना और उद्देश्य का हिस्सा हैं, A को एक ही मुकदमे में दोनों अपराधों के लिए आरोपित किया जा सकता है।
उदाहरण (c): नकली मुहरें रखने का अपराध
A के पास कई नकली मुहरें हैं, जिन्हें वह कई जालसाजी (Forgery) के उद्देश्य से इस्तेमाल करना चाहता है। यहां, हर मुहर अपने-आप में एक अलग अपराध है:
1. अपराध करने के इरादे से नकली मुहर रखना।
2. इसी प्रकार की अन्य नकली वस्तुओं को रखने का अपराध।
चूंकि ये सभी गतिविधियाँ एक ही इरादे से की गई हैं, इसलिए A को इन सभी अपराधों के लिए एक साथ मुकदमा चलाया जा सकता है।
उदाहरण (d): झूठा अपराध और झूठा आरोप
A, B को नुकसान पहुँचाने के इरादे से उस पर झूठा आरोप लगाता है और एक झूठा मुकदमा शुरू करता है। यहां दो अपराध हैं:
1. झूठा मुकदमा शुरू करना।
2. बिना आधार के किसी पर झूठा आरोप लगाना।
चूंकि दोनों कार्य A की ओर से एक ही उद्देश्य से किए गए हैं, इसलिए एक ही मुकदमे में दोनों अपराधों के लिए A पर आरोप लगाया जा सकता है।
उदाहरण (e): झूठा आरोप और झूठी गवाही
A, B के खिलाफ एक गंभीर अपराध का झूठा आरोप लगाता है और मुकदमे में झूठी गवाही देता है ताकि B को गंभीर सजा दी जा सके। इसमें शामिल अपराध हैं:
1. बिना आधार के झूठा आरोप लगाना।
2. झूठी गवाही देना ताकि B को नुकसान हो।
यह दोनों कार्य B को नुकसान पहुंचाने के इरादे से किए गए हैं, इसलिए दोनों अपराधों का संयुक्त रूप से एक ही मुकदमे में विचार किया जा सकता है।
उदाहरण (f): दंगा, गंभीर चोट, और सरकारी सेवक पर हमला
A, और अन्य लोग दंगे में शामिल होते हैं, जिसमें कई अपराध होते हैं जैसे कि सरकारी सेवक पर हमला। A का कार्य निम्नलिखित अपराधों में आता है:
1. दंगा करना।
2. गंभीर चोट पहुंचाना।
3. शांति स्थापित करने की कोशिश कर रहे सरकारी सेवक पर हमला करना।
चूंकि यह सभी अपराध दंगे के दौरान किए गए हैं, इसलिए सभी अपराधों के लिए एक ही मुकदमे में सुनवाई हो सकती है।
उदाहरण (g): कई व्यक्तियों को धमकी देना
A एक ही समय में B, C, और D को नुकसान की धमकी देता है। इसमें निम्नलिखित अपराध शामिल हैं:
1. B को धमकी देना।
2. C को धमकी देना।
3. D को धमकी देना।
यह सभी अपराध एक ही घटना का हिस्सा हैं, इसलिए A के खिलाफ इन सभी अपराधों का एक ही मुकदमे में सुनवाई हो सकती है।
संयुक्त मुकदमे का उद्देश्य
धारा 243 का मुख्य उद्देश्य न्यायिक प्रक्रिया को सुगम बनाना है। एक ही मुकदमे में जुड़े हुए अपराधों की सुनवाई से न्यायालय को प्रत्येक अपराध का पूर्ण रूप से मूल्यांकन करने का अवसर मिलता है। साथ ही, इससे कई मुकदमों से बचते हुए एक ही घटना के सभी अपराधों का त्वरित निपटारा होता है।
यह व्यवस्था आरोपी के लिए भी लाभकारी है क्योंकि वह एक ही मुकदमे में सभी अपराधों के खिलाफ अपना बचाव कर सकता है।
धारा 243 पर लेखों की श्रृंखला
धारा 243 BNSS का एक महत्वपूर्ण प्रावधान है, जो एक ही घटनाक्रम में होने वाले कई अपराधों के संयुक्त मुकदमे की अनुमति देता है। यह लेख इस श्रृंखला का पहला भाग है, जो धारा 243 की बारीकियों को समझाने का प्रयास करता है।
आगे के लेखों में हम विशेष स्थितियों और उन प्रक्रियाओं के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे, जिन्हें संयुक्त मुकदमे में न्यायालय को ध्यान में रखना चाहिए। इस श्रृंखला का उद्देश्य भारतीय कानून में संयुक्त मुकदमे के प्रभाव को विस्तार से समझाना है।