भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 309 (Section 309) में रॉबरी (Robbery) को एक गंभीर अपराध के रूप में परिभाषित किया गया है।
यह चोरी (Theft) या जबरन वसूली (Extortion) को हिंसा (Violence), डर (Fear), या शारीरिक चोट (Physical Harm) के साथ जोड़ती है। इस धारा में रॉबरी को समझाने के लिए कई उदाहरण दिए गए हैं, जो बताते हैं कि चोरी या जबरन वसूली किन स्थितियों में रॉबरी बन जाती है।
रॉबरी के उदाहरण (Illustrations of Robbery)
(a) चोरी और अनुचित प्रतिबंध का मेल (Theft Combined with Wrongful Restraint)
उदाहरण (Example):
A, Z को पकड़कर जमीन पर गिरा देता है और Z की अनुमति के बिना उसके कपड़ों से उसके पैसे और गहने चुरा लेता है।
व्याख्या (Explanation):
इस मामले में, A ने चोरी की और अनुचित प्रतिबंध (Wrongful Restraint) का उपयोग किया ताकि चोरी को अंजाम दे सके। चूंकि इस चोरी में हिंसा (Violence) शामिल है, यह रॉबरी मानी जाएगी।
(b) तत्काल चोट के डर के साथ जबरन वसूली (Extortion with Immediate Threat of Hurt)
उदाहरण (Example):
A सड़क पर Z से मिलता है, उसे पिस्तौल दिखाता है और उसका पर्स मांगता है। Z, चोट के डर से, पर्स दे देता है।
व्याख्या (Explanation):
यहां, A ने तत्काल चोट (Instant Hurt) का डर पैदा करके Z से पर्स ले लिया। चूंकि A शारीरिक रूप से मौजूद था और Z को डराकर उसकी संपत्ति छीन ली, यह रॉबरी है।
(c) बच्चे को नुकसान पहुंचाने की धमकी देकर जबरन वसूली (Threat to a Child to Extort Property)
उदाहरण (Example):
A, Z और उसके बच्चे से सड़क पर मिलता है। A बच्चे को पकड़कर धमकी देता है कि अगर Z ने अपना पर्स नहीं दिया तो वह बच्चे को खाई में फेंक देगा। डर के कारण Z अपना पर्स सौंप देता है।
व्याख्या (Explanation):
इस स्थिति में, A ने Z के बच्चे को तत्काल चोट (Immediate Harm) पहुंचाने की धमकी दी। बच्चे के प्रति यह डर Z को मजबूर करता है कि वह तुरंत अपना पर्स दे। इसलिए, यह रॉबरी है।
(d) भविष्य के नुकसान की धमकी से रॉबरी नहीं होती (Threat of Future Harm Does Not Amount to Robbery)
उदाहरण (Example):
A, Z से कहता है कि Z का बच्चा A के गिरोह के पास है और अगर Z ने 10,000 रुपये नहीं भेजे तो बच्चे को मार दिया जाएगा।
व्याख्या (Explanation):
इस मामले में, A ने जबरन वसूली (Extortion) की है, लेकिन यह रॉबरी नहीं है क्योंकि इसमें डर तत्काल (Immediate) नहीं है। रॉबरी के लिए जरूरी है कि डर या चोट तुरंत (Instant) हो।
रॉबरी के लिए सजा (Punishment for Robbery)
धारा 309(4) के अनुसार, रॉबरी के लिए कड़ी सजा निर्धारित की गई है:
• कठोर कारावास (Rigorous Imprisonment) 10 साल तक और जुर्माना (Fine)।
• यदि रॉबरी सूर्यास्त और सूर्योदय के बीच किसी राजमार्ग (Highway) पर की जाती है, तो सजा बढ़ाकर 14 साल तक की जा सकती है।
रॉबरी का प्रयास करने की सजा (Punishment for Attempt to Commit Robbery)
रॉबरी का प्रयास करना भी अपराध है:
• कठोर कारावास (Rigorous Imprisonment) 7 साल तक और जुर्माना।
रॉबरी के दौरान चोट पहुंचाने पर सजा (Enhanced Punishment for Causing Hurt During Robbery)
अगर अपराधी रॉबरी करते या उसका प्रयास करते हुए किसी को चोट (Hurt) पहुंचाता है, तो सजा और कड़ी हो जाती है:
• आजीवन कारावास (Imprisonment for Life) या कठोर कारावास 10 साल तक, साथ में जुर्माना।
भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 309 चोरी और जबरन वसूली में हिंसा या डर के जुड़ाव को पहचानकर रॉबरी को परिभाषित करती है। यह कानून रॉबरी के गंभीर परिणामों को समझाते हुए यह सुनिश्चित करता है कि अपराधियों को कठोर सजा मिले। इसके उदाहरण रॉबरी की अवधारणा को आसान बनाते हैं और दिखाते हैं कि कानून कैसे नागरिकों को डर और हिंसा से सुरक्षित रखने का प्रयास करता है।