केरल हाईकोर्ट ने दो पुलिस अधिकारियों द्वारा एलेप्पी कोर्ट के अंदर वकील पर हमला करने के बाद स्वत: संज्ञान मामला शुरू किया
केरल हाईकोर्ट ने पुलिस द्वारा कानूनी बिरादरी के सदस्यों के खिलाफ हिंसा के मामलों से निपटने के लिए स्वत: संज्ञान मामला शुरू किया।
स्वत: संज्ञान मामला केरल हाईकोर्ट एडवोकेट संघ (KHCAA) द्वारा एक्टिंग चीफ जस्टिस ए मुहम्मद मुस्ताक को सौंपे गए एक पत्र के आधार पर शुरू किया गया, जिसमें अलाप्पुझा (या एलेप्पी) के रामांकरी मजिस्ट्रेट कोर्ट के परिसर में वकील पर हमला करने वाले पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई।
KHCAA द्वारा प्रस्तुत पत्र में कहा गया,
“KHCAA इस घटना की निंदा करता है। माननीय न्यायालय का ध्यान इस ओर आकर्षित करने का संकल्प लेता है तथा माननीय न्यायालय से अनुरोध करता है कि वह इस घटना का स्वतः संज्ञान ले।"
पत्र का संज्ञान लेते हुए जस्टिस ए के जयशंकरन नांबियार और जस्टिस श्याम कुमार वी एम की खंडपीठ ने पाया कि पुलिस अधिकारियों द्वारा कानूनी बिरादरी के सदस्यों पर हमला करने की शिकायतों के मामले बढ़ रहे हैं।
न्यायालय ने कहा कि न्यायालय परिसर में होने वाले ऐसे हमले कहीं अधिक गंभीर हैं। इसलिए राज्य में वकीलों और पुलिस अधिकारियों के बीच बातचीत को विनियमित करने के लिए दिशा-निर्देश लागू किए जाने चाहिए।
"माननीय न्यायालय का विचार है कि न्यायालय को प्रोटोकॉल/दिशा-निर्देशों के संबंध में निर्देश जारी करने चाहिए जिनका राज्य में विभिन्न न्यायालयों के वकीलों, न्यायाधीशों, कर्मचारियों के साथ बातचीत करते समय पुलिस अधिकारियों द्वारा पालन किया जाना चाहिए।"
केरल राज्य का प्रतिनिधित्व गृह विभाग के सचिव, पुलिस महानिदेशक सह राज्य पुलिस प्रमुख, अलप्पुझा में पुल्लिनकुन्नू पुलिस स्टेशन के SHO और KHCAA ने किया, जिन्हें मामले में पार्टी प्रतिवादी के रूप में शामिल किया गया है।
केस टाइटल- स्वप्रेरणा बनाम केरल राज्य