कर्नाटक हाईकोर्ट ने वक्फ बोर्ड को विवाह प्रमाण पत्र जारी करने की अनुमति देने वाले आदेश पर राज्य सरकार को नोटिस जारी किया
कर्नाटक हाईकोर्ट ने बुधवार को राज्य सरकार को जनहित याचिका पर नोटिस जारी किया, जिसमें सरकार के उस आदेश पर सवाल उठाया गया। इसके तहत उसने वक्फ बोर्ड को विवाहित मुस्लिम आवेदकों को विवाह प्रमाण पत्र जारी करने की अनुमति दी।
चीफ जस्टिस एन वी अंजारिया और जस्टिस के वी अरविंद की खंडपीठ ने ए आलम पाशा द्वारा दायर याचिका पर नोटिस जारी किया। राज्य सरकार को 12 नवंबर तक अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया।
सरकारी वकील द्वारा मौखिक रूप से प्रस्तुत किया गया कि बोर्ड को केवल विवाह प्रमाण पत्र जारी करने के लिए अधिकृत किया गया। जिस पर अदालत ने मौखिक रूप से कहा कि वक्फ बोर्ड के पास विवाह प्रमाण पत्र जारी करने का कोई कार्य नहीं है।
याचिका में अल्पसंख्यक, वक्फ और हज विभाग के अवर सचिव के हस्ताक्षर से जारी दिनांक 30/09/2023 के सरकारी आदेश को वक्फ अधिनियम, 1995 में निहित प्रावधानों के साथ असंगत और प्रतिकूल घोषित करने की मांग की गई। इसलिए इसे अधिनियम के विरुद्ध घोषित किया जाना चाहिए।
केस टाइटल: ए आलम पाशा और कर्नाटक राज्य और अन्य