SIT ने कर्नाटक हाईकोर्ट में प्रज्वल रेवन्ना की जमानत याचिका पर बंद कमरे में सुनवाई की मांग की
विशेष जांच दल (SIT) ने गुरुवार को कर्नाटक हाईकोर्ट से जनता दल (S) के निलंबित नेता प्रज्वल रेवन्ना द्वारा दायर जमानत और अग्रिम जमानत याचिकाओं पर बंद कमरे में सुनवाई करने का अनुरोध किया, जो बलात्कार और यौन उत्पीड़न के आरोपी हैं।
SIT की ओर से पेश हुए विशेष लोक अभियोजक रविवर्मा कुमार ने अनुरोध किया कि अभियोक्ता का नाम उजागर करने से बचने के लिए मामले की बंद कमरे में सुनवाई की जाए।
जस्टिस एम नागप्रसन्ना की एकल न्यायाधीश पीठ ने कहा,
"चीफ जस्टिस द्वारा आदेश पारित किए जाने हैं।"
प्रज्वल के वकील ने भी समय मांगा और कहा कि मामले में अंतिम रिपोर्ट दायर की गई और उन्हें निर्देश लेने की जरूरत है।
इसके बाद अदालत ने सुनवाई 5 सितंबर तक के लिए स्थगित कर दी।
अदालत ने मौखिक रूप से कहा कि यह ऐसा मामला नहीं है, जिसमें किसी तरह की लापरवाही दिखाई जा सके।
SIT प्रज्वल के खिलाफ दर्ज तीन मामलों की जांच कर रही है। वह फिलहाल न्यायिक हिरासत में है। SIT ने गुरुवार (30 मई) को तड़के जर्मनी से आने पर बेंगलुरु एयरपोर्ट पर प्रज्वल को गिरफ्तार किया था।
उसे होलेनरसीपुरा टाउन पुलिस स्टेशन में दर्ज अपराध संख्या 107/2024 में गिरफ्तार किया गया है।
अदालत ने अगले दिन उसे 6 जून तक हिरासत में भेज दिया। 26 अप्रैल को लोकसभा चुनाव से पहले वीडियो वायरल हुए थे, जिसमें कथित तौर पर प्रज्वल द्वारा महिलाओं का यौन उत्पीड़न किया जा रहा था। वोट डालने के बाद वह भारत से बाहर चला गया।
कर्नाटक राज्य महिला आयोग की प्रमुख द्वारा राज्य सरकार को लिखे गए पत्र के आधार पर बाद में (SIT) का गठन किया गया, जो मामले की जांच कर रहा है।
इससे पहले पुलिस ने उसके पिता और होलेनरसीपुरा के विधायक एच डी रेवन्ना को महिला के अपहरण के आरोप में गिरफ्तार किया था। बाद में उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया था।
प्रज्वल की मां भवानी रेवन्ना को कर्नाटक हाईकोर्ट ने अपहरण के इसी मामले में अग्रिम जमानत दे दी है।
प्रज्वल के भाई सूरज रेवन्ना को भी एक व्यक्ति के कथित यौन शोषण के मामले में गिरफ्तार किया गया और उसे 1 जुलाई तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया। बाद में जमानत पर रिहा कर दिया गया।
केस टाइटल- प्रज्वल रेवन्ना और कर्नाटक राज्य