कर्नाटक हाईकोर्ट ने PG मेडिकल स्टूडेंट्स द्वारा अनिवार्य ग्रामीण सेवा के लिए अनिवार्य आदेश पर रोक लगाई

Update: 2024-08-08 09:16 GMT

कर्नाटक हाइकोर्ट ने अंतरिम आदेश के माध्यम से अगस्त 2023 से पहले अपने PG मेडिकल कोर्स पूरा करने वाले स्टूडेंट को अनिवार्य ग्रामीण सेवा प्रदान करने के लिए रजिस्ट्रेशन करने की आवश्यकता वाली अधिसूचना के संचालन पर रोक लगाई।

जस्टिस एस आर कृष्ण कुमार की एकल पीठ ने डॉ सुवेता पी और अन्य द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किया।

याचिकाकर्ताओं ने प्रस्तुत किया कि वे स्टूडेंट्स हैं, जिन्होंने कर्नाटक अनिवार्य सेवा उम्मीदवारों द्वारा मेडिकल कोर्स पूरा करने (संशोधन) अधिनियम 2023 के लागू होने से पहले अगस्त 2023 में अपने पीजी मेडिकल कोर्स पूरे किए थे।

यह कहा गया कि संशोधन अधिनियम, जिसने अनिवार्य ग्रामीण सेवा की अवधारणा पेश की प्रकृति में पूर्वव्यापी नहीं है, इसलिए याचिकाकर्ताओं पर लागू नहीं था।

इसके अलावा यह कहा गया कि उक्त संशोधन पर आधारित विवादित अधिसूचना अवैध, मनमाना और अधिकार क्षेत्र या कानून के अधिकार के बिना है। इसे रद्द किया जाना चाहिए।

सरकारी वकीलों ने आपत्ति दर्ज करने के लिए समय मांगा।

इसके बाद अदालत ने कहा,

"इस बीच याचिकाकर्ताओं के संबंध में दिनांक 12.07.2024 की विवादित अधिसूचना के संचालन और कार्यान्वयन पर सुनवाई की अगली तारीख तक रोक लगाई जाती है।”

इससे पहले अदालत ने याचिकाकर्ताओं को संबंधित अधिसूचना में उल्लिखित रजिस्ट्रेशन आवश्यकता का अनुपालन करने का निर्देश दिया था।

उन्होंने कहा था,

“यह रजिस्ट्रेशन केवल प्रक्रियागत अनुपालन के लिए अनिवार्य है। इससे याचिकाकर्ताओं के इस न्यायालय से आगामी सुनवाई के दौरान उचित अंतरिम राहत मांगने के अधिकारों पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा।”

केस टाइटल- डॉ. सुवेता पी और अन्य तथा कर्नाटक राज्य और अन्य

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