कर्नाटक हाईकोर्ट ने महात्मा गांधी की आत्मकथा मामले में राहुल गांधी और अन्य के खिलाफ जनहित याचिका खारिज की

Update: 2025-08-28 06:57 GMT

कर्नाटक हाईकोर्ट ने विपक्ष के नेता राहुल गांधी, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और अन्य को महात्मा गांधी की आत्मकथा माई एक्सपेरिमेंट्स विद ट्रुथ' के 'खंड 2' पर प्रकाश डालने के निर्देश देने की मांग वाली जनहित याचिका खारिज की, जिसके गायब होने की बात कही गई है।

चीफ जस्टिस विभु बाखरू और जस्टिस सीएम जोशी की खंडपीठ ने जागृत कर्नाटक, जागृत भारत नामक संगठन द्वारा दायर याचिका खारिज की, जिसका प्रतिनिधित्व इसके अध्यक्ष के एन मंजूनाथ ने स्वयं किया था।

मंजूनाथ ने दावा किया कि गांधी की आत्मकथा के खंड 2 में 1926-1947 के बीच के भारतीय इतिहास का विवरण है। उन्होंने कहा कि उन्होंने देश के इतिहास के बारे में राष्ट्र को जागरूक करने के लिए कई अधिकारियों को पत्र लिखे थे। उन्हें कोई जवाब नहीं मिला।

मंजूनाथ ने संलग्न पत्रों में उठाए गए ऐतिहासिक प्रश्नों की प्रासंगिकता की पुष्टि के लिए 15 अगस्त, 1947 को भारतीय स्वतंत्रता समारोह में भाग लेते हुए महात्मा गांधी की तस्वीर की प्रति प्रस्तुत करने के लिए अंतरिम निर्देश भी मांगे।

याचिका पर विचार करने से इनकार करते हुए न्यायालय ने कहा,

“याचिकाकर्ता के अनुसार इतिहास में कुछ खामियां हैं, जिनका उत्तर दिया जाना आवश्यक है। स्पष्ट रूप से, इस संबंध में कोई आदेश जारी नहीं किया जा सकता। यदि याचिकाकर्ता इतिहास में शोध करने का विद्वत्तापूर्ण कार्य करना चाहता है तो ऐसा करने में याचिकाकर्ता के लिए कोई बाधा नहीं है।”

न्यायालय ने यह भी कहा कि आत्मकथा के कथित खंड 2 को पुनः प्राप्त करने का उनका अनुरोध भी "अस्पष्ट" है और ऐसी कोई राहत नहीं दी जा सकती।

केस टाइटल: जागृत कर्नाटक जागृत भारत और सचिव एवं अन्य

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