कर्नाटक हाइकोर्ट ने अपहरण मामले में आरोपी प्रज्वल रेवन्ना की मां को अंतरिम अग्रिम जमानत दी
कर्नाटक हाइकोर्ट ने शुक्रवार को प्रज्वल रेवन्ना की मां भवानी रेवन्ना को अंतरिम अग्रिम जमानत दी, जिन पर महिला के अपहरण का आरोप है।
जस्टिस कृष्ण एस दीक्षित की एकल पीठ ने अंतरिम आदेश देते हुए कहा,
"राज्य और पुलिस को निर्देश दिया जाता है कि वे याचिकाकर्ता को न तो गिरफ्तार करें और न ही उसे हिरासत में रखें। यह सख्त शर्तों का पालन करते हुए है, यह जमानत देने का आदेश है। याचिकाकर्ता को नहीं दिया गया और इसका जश्न नहीं मनाया जाना चाहिए।"
इसके अलावा उसने उसे क्षेत्राधिकार जांच अधिकारी के कार्यालय में उपस्थित रहने और जांच में सहयोग करने का निर्देश दिया। जांच की आड़ में उसे शाम 5 बजे से अधिक कार्यालय में नहीं रखा जाएगा।
अदालत ने याचिकाकर्ता को मैसूर जिले के हसन और केआर नगरा के आसपास नहीं घूमने का निर्देश दिया। यह शर्त विशेष लोक अभियोजक प्रोफेसर रविवर्मा कुमार द्वारा यह तर्क दिए जाने के बाद लगाई गई कि वह अपराध की मास्टरमाइंड है और उसे हसन और केआर नगरा जिले में प्रवेश नहीं करने दिया जाना चाहिए।
अदालत ने यह भी आदेश दिया कि 42वीं एसीएमएम अदालत द्वारा जारी गिरफ्तारी वारंट को स्थगित रखा जाए। मजिस्ट्रेट अदालत ने 31 मई के अपने आदेश में भवानी द्वारा अग्रिम जमानत की मांग करने वाली याचिका को खारिज कर दिया, जिसके बाद से वह फरार थी।
इससे पहले पुलिस ने मामले में याचिकाकर्ता के पति एच डी रेवन्ना को गिरफ्तार किया। बाद में उसे जमानत पर रिहा कर दिया गया। अभियोजन पक्ष ने हाईकोर्ट के समक्ष आदेश को चुनौती दी है और रद्द करने की मांग की। इस मामले पर अदालत अगले सप्ताह विचार करेगी।
अभियोजन पक्ष के अनुसारशिकायतकर्ता की मां ने करीब छह साल तक रेवन्ना के लिए काम किया और रेवन्ना के निर्देश पर सतीश बबन्ना ने उसका अपहरण कर लिया। शिकायतकर्ता ने कहा कि उसके दोस्त ने उसकी मां पर कथित रूप से यौन उत्पीड़न से संबंधित वायरल वीडियो उसके संज्ञान में लाया और जब उसने बबन्ना से अपनी मां को वापस भेजने का अनुरोध किया तो उसने ऐसा करने से इनकार किया।
शिकायत 2 मई को केआर नगरा पुलिस स्टेशन में दर्ज की गई।
केस टाइटल- भवानी रेवन्ना और कर्नाटक राज्य