जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट पुलिस 'बर्बरता' के आरोप वाले मामले में कॉम्पैक्ट डिस्क (CD) रिकॉर्ड पेश करने का दिया निर्देश

जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट ने राज्य पुलिस को निर्देश दिया कि वह मक्खन दीन की मौत से संबंधित मामले में कॉम्पैक्ट डिस्क (CD) रिपोर्ट कोर्ट में पेश करे। मक्खन दीन ने इस साल फरवरी में कठुआ जिले के बिलावर क्षेत्र में पुलिस हिरासत में कथित रूप से प्रताड़ित किए जाने के बाद आत्महत्या कर ली थी।
पीड़ित के परिवार ने अदालत का रुख करते हुए मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को सौंपने की मांग की थी ताकि निष्पक्ष और स्वतंत्र जांच हो सके।
जस्टिस वसीम सादिक नार्गल की पीठ ने बिलावर पुलिस स्टेशन के थाना प्रभारी (SHO) और जांच अधिकारी (IO) को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में उपस्थित होने का भी निर्देश दिया।
याचिकाकर्ता के वकील ने कोर्ट में प्रस्तुत किया कि भले ही इस मामले में FIR दर्ज की गई लेकिन इसमें उन पुलिस अधिकारियों के नाम नहीं शामिल हैं, जिन्होंने कथित तौर पर मक्खन और उसके पिता को गंभीर यातनाएं दी थीं।
उन्होंने यह भी बताया कि कठुआ के विशेष मोबाइल मजिस्ट्रेट (उप-न्यायिक दंडाधिकारी) के समक्ष पुलिस स्टेशन द्वारा जो कार्रवाई रिपोर्ट (ATS) प्रस्तुत की गई उसमें आरोपियों को लगभग निर्दोष ठहरा दिया गया।
याचिकाकर्ता के वकील ने सवाल किया,
"जहां मक्खन और उसके पिता को इतना प्रताड़ित किया गया हम उसी पुलिस स्टेशन से निष्पक्ष जांच की उम्मीद कैसे कर सकते हैं?"
मक्खन दीन कठुआ के बिलावर क्षेत्र के भटोडी गांव का 25 वर्षीय निवासी था। इस महीने की शुरुआत में उसने कथित पुलिस प्रताड़ना के कारण आत्महत्या कर ली थी।
आत्महत्या से पहले मक्खन ने एक वीडियो संदेश मस्जिद से रिकॉर्ड किया, जिसमें उसने अपनी बेगुनाही की गुहार लगाई और दोबारा हिरासत में लिए जाने को लेकर गहरा डर जाहिर किया।
"वे मुझे फिर से पीटेंगे," जो उसकी पिछली पुलिस कस्टडी की ओर इशारा करता है।
मक्खन गुज्जर समुदाय से ताल्लुक रखता था और उसे सुरक्षा बलों ने इसलिए हिरासत में लिया था, क्योंकि उसके परिवार का संबंध स्वार दीन उर्फ स्वरु गुज्जर नामक एक कथित आतंकवादी से बताया गया, जो पाकिस्तान से सक्रिय बताया जाता है।
पुलिस को शक था कि मक्खन का जुलाई, 2024 में बडनोटा में सेना के काफिले पर हुए हमले (जिसमें चार जवान शहीद हुए थे) से कोई संबंध है। लेकिन अपनी आखिरी रिकॉर्डिंग में मक्खन ने यह स्पष्ट किया कि उसका किसी भी आतंकवादी गतिविधि से कोई लेना-देना नहीं है।