मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने आचार्य धीरेंद्र शास्त्री के खिलाफ आपत्तिजनक पोस्ट पर अवमानना याचिका में फेसबुक, यूट्यूब को नोटिस जारी किया
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने यूट्यूब और फेसबुक के अधिकारियों को उनके खिलाफ दायर अवमानना याचिका में कारण बताओ नोटिस जारी किया। उक्त याचिका में आरोप लगाया गया कि दोनों इंटरनेट कंपनियां हिंदू आध्यात्मिक नेता आचार्य धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के खिलाफ आपत्तिजनक पोस्ट हटाने के हाईकोर्ट के पिछले महीने के आदेश का पालन करने में विफल रहीं।
जस्टिस राज मोहन सिंह की पीठ ने उत्तरदाताओं [Google LLC के प्रबंध निदेशक ईशान चटर्जी, Google LLC (यूट्यूब) के निवासी शिकायत अधिकारी सूरज राव, फेसबुक के उपाध्यक्ष और प्रबंध निदेशक मेटा संध्या देवनाथन और फेसबुक के निवासी शिकायत अधिकारी मेटा अमृता कौशिक] को नोटिस जारी किए। नोटिस को चार सप्ताह के भीतर वापस करने योग्य बनाया गया।
गौरतलब है कि 4 दिसंबर को शिष्य द्वारा दायर याचिका पर कार्रवाई करते हुए हाईकोर्ट ने एक्स (पहले ट्विटर के नाम से जाना जाता था), फेसबुक और यूट्यूब जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को आचार्य शास्त्री के बारे में प्रकाशित कलंकित करने वाली सामग्री को हटाने के लिए कड़े निर्देश दिए थे।
यह आदेश रणजीत सिंह पटेल नामक व्यक्ति द्वारा दायर याचिका पर पारित किया गया, जिसमें आरोप लगाया गया कि आचार्य के बारे में प्रसारित किए जा रहे पोस्ट न केवल अपमानजनक हैं, बल्कि श्री बागेश्वर धाम, छतरपुर के पीठाधीश्वर की छवि को भी खराब करने के समान हैं।
याचिकाकर्ता के वकील ने ऑनलाइन और प्रिंट मीडिया में अपने आचार्य के बारे में कुछ पोस्ट और समाचार लेख भी प्रस्तुत किए, जो कथित रूप से अपमानजनक हैं।
केस टाइटल - रणजीत सिंह पटेल बनाम मध्य प्रदेश राज्य और अन्य
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