उत्तराखंड राज्य विधानसभा ने बुधवार को समान नागरिक संहिता, उत्तराखंड, 2024 (Uniform Civil Code, Uttarakhand, 2024 Bill) विधेयक पारित कर दिया।
इसके साथ ही उत्तराखंड समान नागरिक संहिता (UCC) पर कानून पारित करने वाला देश का पहला राज्य बन गया।
उत्तराखंड कैबिनेट द्वारा समान नागरिक संहिता (UCC) के अंतिम मसौदे को मंजूरी दिए जाने के दो दिन बाद यह विधेयक विधानसभा के समक्ष पेश किया गया।
इससे पहले, 2022 में यूसीसी का मसौदा तैयार करने के लिए पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व वाली राज्य सरकार ने समिति का गठन किया। समिति में सुप्रीम कोर्ट की रिटायर्ड जज रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय पैनल शामिल थे।
समिति के अन्य सदस्यों में सिक्किम हाईकोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस प्रमोद कोहली, सामाजिक कार्यकर्ता मनु गौड़, रिटायर्ड आईएएस अधिकारी शत्रुघ्न सिंह और दून यूनिवर्सिटी की कुलपति सुरेखा डंगवाल शामिल हैं।
हाल ही में समिति ने UCC का अंतिम मसौदा मुख्यमंत्री धामी को सौंपा था।
विधेयक के कुछ पहलुओं में लिव-इन संबंधों का अनिवार्य रजिस्ट्रेशन, अनुबंध विवाह की शर्तें, हलाला, इद्दत और बहुविवाह पर प्रतिबंध, पुरुषों और महिलाओं के लिए समान विरासत अधिकार आदि शामिल हैं।
विधेयक के बारे में अधिक जानकारी यहां दी गई। उत्तराखंड UCC विधेयक रिश्ते में प्रवेश करने के एक महीने के भीतर लिव-इन रिलेशनशिप के रजिस्ट्रेशन को अनिवार्य बनाता है।
हालांकि गोवा राज्य UCC (पुर्तगाली नागरिक संहिता) द्वारा शासित है, लेकिन राज्य विधानसभा ने इस विषय पर कोई कानून पारित नहीं किया, बल्कि 1961 में अपनी मुक्ति के बाद गोवा ने इस संहिता को बरकरार रखा।