भर्ती घोटाला में ED जांच की प्रगति पर हाईकोर्ट ने उठाए सवाल, कहा- जिस गति से जांच आगे बढ़ रही है, उस गति से कुछ भी हाथ नहीं लगेगा
कलकत्ता हाईकोर्ट ने उस गति पर सवाल उठाया जिस गति से बहुस्तरीय भर्ती कैश-फॉर-जॉब्स घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की जांच आगे बढ़ रही है।
जस्टिस अमृता सिन्हा की एकल पीठ ने बताया कि अनियमितताओं की जांच की मांग करने वाली पहली रिट याचिका 2019 में दायर की गई और लगभग पांच साल बाद भी मामले में कोई निश्चित परिणाम नहीं आया।
पिछली सुनवाई में अदालत ने बंद दरवाजे की सुनवाई में CBI और ED दोनों से प्रगति रिपोर्ट ली थी।
इस मौके पर कोर्ट ने ईडी जांच की प्रगति पर सवाल उठाया।
कोर्ट ने टिप्पणी की,
"संपत्तियों की पहचान के बाद भी (संपत्तियों को कुर्क करने में) इतना समय क्यों लग रहा है... जिस तरीके या गति से जांच जारी है, एक समय आएगा जब हर कोई बाहर जाएगा, और आप कुछ भी हासिल करने में सक्षम नहीं रहेंगे... पूरी कवायद 2019 में शुरू हुई और अब हम 2024 में हैं, क्या आपको लगता है कि [जांच] आसान काम होगा?"
ED के डीएसजी धीरज त्रिवेदी ने प्रस्तुत किया कि एजेंसी ने भर्ती घोटाले की आय से जुड़ी कुछ संपत्तियों को जब्त कर लिया और जांच के दौरान कुछ बाधाओं का सामना करने के बाद भी वे कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं।
कोर्ट ने इस संबंध में कहा,
"कृपया इस बात की सराहना करें कि हमें हर कदम पर मुकदमेबाजी का सामना करना पड़ रहा है...ऐसी प्रतिकूल स्थिति की उम्मीद नहीं है...हम एक और रिपोर्ट दाखिल कर रहे हैं। हम इससे कम कुछ भी उम्मीद नहीं कर रहे हैं...हम पूरी ताकत से लड़ रहे हैं और अपनी बात पर कायम हैं। हमने पहले ही पहचान कर ली है, अगली तारीख को हम व्यापक रिपोर्ट लेकर आएंगे।"
ED ने पहले कहा था कि वह एआईटीसी सांसद अभिषेक बनर्जी और एक कंपनी लीप्स एंड बाउंड्स प्राइवेट लिमिटेड के बीच मनी ट्रेल की जांच कर रही है, जिसका इस्तेमाल कथित तौर पर भर्ती घोटाले से जुड़े फंडों को निकालने के लिए किया गया।
कोर्ट ने मामले को 12 मार्च, 2024 को आगे की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया, जिसमें CBI और ED से आगे की रिपोर्ट दाखिल करने की उम्मीद है।
केस टाइटल: सौमेन नंदी बनाम पश्चिम बंगाल राज्य
केस नंबर: WPA 9979/2022