गुवाहाटी हाईकोर्ट ने पुलिस भर्ती में ट्रांसजेंडर उम्मीदवारों के लिए मेडिकल, शारीरिक परीक्षण मानदंड की मांग वाली याचिका में राज्य के सामाजिक न्याय विभाग को पक्षकार बनाया
गुवाहाटी हाईकोर्ट ने हाल ही में असम ट्रांसजेंडर एसोसिएशन द्वारा दायर जनहित याचिका में प्रतिवादी पक्ष के रूप में सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग, असम को नोटिस जारी किया। साथ ही असम पुलिस को विज्ञापन को पुनः प्रकाशित करने और असम पुलिस में ट्रांसजेंडर व्यक्तियों की भर्ती के लिए शारीरिक परीक्षण, मेडिकल जांच आदि में मानदंड और विकल्प संशोधित करने और उपयुक्त तैयार करने का निर्देश देने की मांग की।
चीफ जस्टिस विजय बिश्नोई और जस्टिस सुमन श्याम की खंडपीठ ने कहा कि याचिकाकर्ताओं द्वारा उठाए गए मुद्दों के समाधान के लिए संबंधित विभाग के माध्यम से राज्य सरकार की प्रतिक्रिया आवश्यक है।
ऑल असम ट्रांसजेंडर एसोसिएशन द्वारा जनहित याचिका दायर की गई, जिसमें उत्तरदाताओं यानी असम पुलिस विभाग को विज्ञापन को पुनः प्रकाशित करने और संशोधित करने का निर्देश देने की मांग की गई। साथ ही प्रार्थना की गई कि उत्तरदाताओं को शारीरिक परीक्षण, मेडिकल जांच में उपयुक्त मानदंड और विकल्प तैयार करने के लिए निर्देशित किया जाए।
आगे प्रार्थना की गई कि असम पुलिस विभाग को राज्य में ट्रांसजेंडर को सशक्त बनाने के लिए आगामी भविष्य में विभिन्न महत्वपूर्ण नीतियां बनाने का निर्देश दिया जाए।
न्यायालय ने कहा कि पुलिस डायरेक्टर जनरल के माध्यम से असम राज्य पहले से ही पक्षकार है।
कोर्ट ने कहा,
"...हम इस रिट याचिका में सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग, असम को उसके सचिव के माध्यम से प्रतिवादी नंबर 4 के रूप में शामिल करना उचित समझते हैं।"
न्यायालय ने अपने सचिव के माध्यम से सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग, असम को नोटिस जारी किया और उक्त विभाग को छह सप्ताह की अवधि के भीतर अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया।
केस टाइटल: ऑल असम ट्रांसजेंडर एसोसिएशन बनाम असम राज्य और अन्य।