कलकत्ता हाइकोर्ट चीफ जस्टिस ने जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय द्वारा सुने जाने वाले प्राथमिक शिक्षा से संबंधित मामले फिर से सौंपे
कलकत्ता हाइकोर्ट चीफ जस्टिस टीएस शिवगणनम ने समूह द्वितीय के तहत प्राथमिक शिक्षा से संबंधित अनुच्छेद 226 के तहत सभी मामलों को फिर से सौंपा, जिनकी सुनवाई जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय से जस्टिस राजशेखर मंथा की पीठ को करनी थी।
यह घटनाक्रम पिछले सप्ताह काफी विवाद के बाद सामने आया, जब जस्टिस गंगोपाध्याय ने सीबीआई जांच के अपने निर्देश पर खंडपीठ का स्थगन आदेश नजरअंदाज कर दिया, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए आदेशों पर रोक लगा दी और मामले को अपने पास ट्रांसफर कर लिया।
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान सीनियर वकील कपिल सिब्बल ने सीजेआई की अगुवाई वाली पांच जजों की बेंच के सामने सवाल उठाते हुए कहा,
''जज (जस्टिस गंगोपाध्याय) अभी भी इन मामलों को ले रहे हैं, भविष्य में भी वह ऐसा ही करेंगे। क्या किया जाए?"
सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने उस अवसर पर वकीलों से हाइकोर्ट के मौजूदा जज पर आक्षेप लगाने से परहेज करने के लिए कहते हुए कहा,
''यह हाइकोर्ट के चीफ जस्टिस हैं, जो मामलों को सौंप रहे हैं, उनकी शक्तियों का कम न करें।''
नवीनतम कार्यभार आदेश के अनुसार, जस्टिस गंगोपाध्याय को समूह-III अनुप्रयोगों के तहत श्रम और औद्योगिक विधानों का निर्धारण सौंपा गया।
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