दो महीने में राज्य मानवाधिकार आयोग का गठन करे या अवमानना का सामना करे: गुवाहाटी हाईकोर्ट ने मिजोरम सरकार से कहा

Update: 2024-09-09 06:23 GMT

गुवाहाटी हाईकोर्ट ने हाल ही में मिजोरम राज्य को राज्य मानवाधिकार आयोग की स्थापना के लिए दो महीने का अंतिम अवसर प्रदान किया।

जस्टिस विजय बिश्नोई और जस्टिस माइकल जोथानखुमा की खंडपीठ ने कहा,

“यह ध्यान देने योग्य है कि पदों की स्वीकृति केवल कागजों पर है और आज तक राज्य मानवाधिकार आयोग का गठन नहीं किया गया। मामले के समग्र तथ्यों और परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए हम यह देखने के लिए बाध्य हैं कि राज्य सरकार 1993 के अधिनियम के प्रावधानों और दिलीप कुमार बसु (सुप्रा) में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए निर्देशों के अनुसार राज्य मानवाधिकार आयोग की स्थापना करने के लिए तैयार नहीं है।”

न्यायालय मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 (1993 का अधिनियम) के प्रावधानों के अनुसार मिजोरम राज्य को राज्य मानवाधिकार आयोग (SHRC) स्थापित करने के निर्देश जारी करने के लिए जनहित याचिका पर सुनवाई कर रहा था।

न्यायालय ने नोट किया कि रिट याचिका (PIL) 2021 से लंबित है और हर बार राज्य यह जवाब लेकर आ रहा है कि SHRC स्थापित करने की प्रक्रिया चल रही है।

न्यायालय ने कहा,

“इस न्यायालय ने कई अवसरों पर इस तथ्य पर ध्यान दिया कि सुप्रीम कोर्ट ने दिलीप कुमार बसु बनाम पश्चिम बंगाल राज्य और अन्य [सीआरएल.एम.पी. संख्या 16086/1997 में सीआरएल.एम.पी. संख्या 4201/1997 में पारित दिनांक 24.07.2015 के निर्णय] में संबंधित राज्य सरकारों को प्रत्येक राज्य में राज्य मानवाधिकार आयोग स्थापित करने का निर्देश दिया। हालांकि माननीय सुप्रीम कोर्ट के विशिष्ट निर्देशों के बावजूद मिजोरम राज्य मानवाधिकार आयोग की स्थापना करने में विफल रहा है।”

03 सितंबर, 2024 को मिजोरम सरकार के गृह विभाग के सचिव की ओर से अतिरिक्त हलफनामा दायर किया गया, जिसमें कहा गया कि राज्य सरकार SHRC की स्थापना के लिए कदम उठा रही है। उस दिशा में 29 पदों के सृजन का प्रस्ताव मिजोरम सरकार को प्रस्तुत किया गया और इन 29 प्रस्तावित पदों में से 08 अगस्त 2024 के आदेश के तहत 16 पदों के नए सृजन के लिए स्वीकृति दी गई।

हालांकि न्यायालय ने टिप्पणी की कि उक्त पदों की मंजूरी केवल कागजों पर है।

न्यायालय ने कहा,

"न्याय के हित में मिजोरम राज्य को 1993 के अधिनियम के प्रावधानों और दिलीप कुमार बसु (सुप्रा) में माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार राज्य मानवाधिकार आयोग की स्थापना के लिए 2 (दो) महीने का अंतिम अवसर दिया जाता है, जिसके न होने पर हम मिजोरम राज्य पर भारी जुर्माना लगाने और मिजोरम राज्य के खिलाफ अवमानना कार्यवाही शुरू करने के लिए बाध्य होंगे।"

मामले को दस सप्ताह बाद सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया जाता है।

केस टाइटल- ज़ोफ़ा वेलफ़ेयर ऑर्गनाइज़ेशन (ZWO) मिज़ोरम बनाम मिज़ोरम राज्य और 5 अन्य।

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