अमानतुल्लाह खान को रिहा करने के आदेश के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट पहुंची ED

Update: 2024-12-02 12:26 GMT

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने सोमवार को दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया, जिसमें आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायक अमानतुल्लाह खान को उनके अध्यक्ष पद के दौरान दिल्ली वक्फ बोर्ड में भर्ती में कथित अनियमितताओं से जुड़े धन शोधन मामले में रिहा किया गया।

जस्टिस मनोज कुमार ओहरी ने जांच एजेंसी से मामले में निचली अदालत द्वारा पारित आदेशों को रिकॉर्ड पर रखने को कहा और मामले की सुनवाई जनवरी में तय की।

इस महीने की शुरुआत में निचली अदालत ने CrPC की धारा 197 (1) के तहत अपेक्षित मंजूरी के अभाव में PMLA के तहत खान के खिलाफ ED की पूरक चार्जशीट पर संज्ञान लेने से इनकार किया था।

न्यायाधीश ने कहा कि खान के खिलाफ सक्षम प्राधिकारी या सरकार से कोई मंजूरी रिकॉर्ड पर नहीं रखी गई।

मामले में आरोप लगाया गया कि अमानतुल्लाह खान ने दिल्ली वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में काम करते हुए मानदंडों और सरकारी दिशानिर्देशों का उल्लंघन करते हुए अवैध रूप से विभिन्न लोगों की भर्ती की।

ED ने आरोप लगाया कि खान ने दिल्ली वक्फ बोर्ड में कर्मचारियों की अवैध भर्ती से नकदी के रूप में भारी मात्रा में अपराध अर्जित किया। अपने सहयोगियों के नाम पर अचल संपत्तियां खरीदने में इसका निवेश किया।

केंद्रीय जांच एजेंसी द्वारा उनके आवास पर तलाशी लेने के बाद ED ने खान को 02 सितंबर को गिरफ्तार किया।

11 मार्च को समन्वय पीठ ने खान को अग्रिम जमानत देने से इनकार किया था। बाद में 23 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने फैसले के खिलाफ उनकी याचिका पर विचार करने से इनकार किया।

केस टाइटल: ED बनाम अमानतुल्लाह खान

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