कथित जबरन वसूली मामले में तिहाड़ जेल के 9 अधिकारी निलंबित: दिल्ली सरकार ने हाईकोर्ट को सूचित किया

Update: 2025-08-13 07:29 GMT

दिल्ली सरकार ने बुधवार (13 अगस्त) को हाईकोर्ट को सूचित किया कि उसने तिहाड़ जेल के नौ अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही शुरू कर दी। इन अधिकारियों पर जेल के अंदर जबरन वसूली का रैकेट चलाने का आरोप है जिसमें उसके अधिकारी और कैदी शामिल हैं।

सोमवार को हाईकोर्ट ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को FIR दर्ज करने का निर्देश दिया था।

दिल्ली सरकार की ओर से पेश हुए वकील ने चीफ जस्टिस डीके उपाध्याय और जस्टिस तुषार राव गेडेला की खंडपीठ को बुधवार को सूचित किया कि नौ अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही शुरू कर दी गई है और उन्हें निलंबित कर दिया गया।

वकील ने कहा,

"दो महीने के भीतर हम रिपोर्ट दाखिल करेंगे। उन्हें जेल 1 से ट्रांसफर कर दिया गया।”

इस अवसर पर अदालत ने मौखिक रूप से कहा,

"कृपया कानून के अनुसार अनुशासनात्मक नियमों का सख्ती से पालन करें।"

अदालत ने अपने आदेश में कहा,

"जेल अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई सहित कई कदम उठाए गए हैं, जिन्हें निलंबित कर दिया गया। सीसीएस नियमों के तहत अनुशासनात्मक कार्यवाही की जा रही है।"

इसके बाद अदालत ने सरकार और CBI को मामले में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने के लिए आठ सप्ताह का समय दिया।

यह मामला 28 अक्टूबर को सूचीबद्ध है।

अदालत याचिका पर विचार कर रही थी, जिसमें न केवल जेल अधिकारियों, बल्कि कैदियों की ओर से भी अवैधताओं, कदाचार और दुर्व्यवहार का मुद्दा उठाया गया था।

2 मई को अदालत ने दिल्ली सरकार के प्रमुख सचिव (गृह) को जेल के अंदर प्रशासनिक चूक के लिए जिम्मेदार अधिकारियों का पता लगाने के लिए तथ्यान्वेषी जांच करने का निर्देश दिया था।

इसने CBI को आरोपों की प्रारंभिक जाँच करने का भी निर्देश दिया था।

याचिका में आगे आरोप लगाया गया कि जेल के अंदर कुछ सुविधाएँ हासिल करने के लिए, जेल के अंदर और बाहर के लोगों ने जेल अधिकारियों के साथ मिलकर पैसे ऐंठने का काम किया।

केस टाइटल: मोहित कुमार गोयल बनाम राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली राज्य और अन्य

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