Swati Maliwal Assault Case: आरोपी बिभव कुमार ने जमानत के लिए दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के करीबी सहयोगी बिभव कुमार ने कथित स्वाति मालीवाल मारपीट मामले में जमानत के लिए दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
कुमार को 27 मई को निचली अदालत ने जमानत देने से इनकार कर दिया था। उनकी दूसरी नियमित जमानत याचिका को सेशन कोर्ट ने 07 जून को खारिज कर दिया था।
जमानत याचिका वकील करण शर्मा और रजत भारद्वाज के माध्यम से दायर की गई।
कुमार का कहना है कि यह आपराधिक मशीनरी के दुरुपयोग और जांच में धांधली का क्लासिक मामला है, क्योंकि उन्होंने और मालीवाल ने एक-दूसरे के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है, लेकिन केवल मामले की जांच की जा रही है।
कुमार के अनुसार, ऐसा इसलिए है, क्योंकि मालीवाल संसद सदस्य होने के नाते प्रभावशाली व्यक्ति हैं। उन्होंने तर्क दिया कि मालीवाल द्वारा उल्लंघन के संबंध में उनकी शिकायत के आधार पर कोई जांच नहीं की जा रही है।
उन्होंने कहा,
“जमानत अस्वीकृति आदेश पारित करते समय याचिका में कहा गया कि एएसजे इस तथ्य पर विचार करने में विफल रहे कि उक्त एफआईआर से संबंधित सभी साक्ष्य जांच अधिकारी द्वारा एकत्र किए जा चुके हैं। उन्होंने गवाहों के बयान भी दर्ज किए, इसलिए याचिकाकर्ता की हिरासत की आवश्यकता नहीं है। याचिकाकर्ता को न्यायिक हिरासत में रखने से कोई उपयोगी उद्देश्य पूरा नहीं होगा।
इसमें आगे कहा गया कि कुमार को झूठे और तुच्छ मामलों में फंसाने की हद तक गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी गई और मालीवाल की एफआईआर शिकायतकर्ता की नापाक मंशा का परिणाम है। हाल ही में कुमार ने मामले में अपनी गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका दायर की।
जस्टिस स्वर्णकांत शर्मा ने उनकी याचिका पर आदेश सुरक्षित रख लिया।
आम आदमी पार्टी (AAP) की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल की लिखित शिकायत पर एफआईआर दर्ज की गई। कुमार को 18 मई को गिरफ्तार किया गया था। दिल्ली पुलिस ने आरोप लगाया कि कुमार हमेशा जांच के दौरान असहयोगी रहे हैं और सवालों के जवाब टालते रहे हैं। यह भी आरोप लगाया गया कि उन्होंने जानबूझकर अपने मोबाइल फोन का पासवर्ड नहीं बताया, जो सच्चाई को उजागर करने के लिए जांच में महत्वपूर्ण जानकारी है।
मालिवल ने आरोप लगाया कि जब वह 13 मई को केजरीवाल से मिलने उनके आवास पर गईं तो कुमार ने उनके साथ मारपीट की।
केस टाइटल: बिभव कुमार बनाम दिल्ली राज्य