CGST Act की धारा 107(6) अदालत को अपील दायर करते समय प्री-डिपॉजिट माफ करने का विवेकाधिकार नहीं देती: दिल्ली हाईकोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि उसके पास केंद्रीय माल और सेवा कर अधिनियम, 2017 (CGST Act) की धारा 107(6) के तहत अपील दायर करने के लिए निर्धारित प्री-डिपॉजिट शर्त को माफ करने का कोई विवेकाधिकार नहीं है।
अधिनियम की धारा 107(6) के अनुसार, जहां तक स्वीकार की गई कर, ब्याज या जुर्माने की बात है तो पूरी राशि जमा करना अनिवार्य है। जहां तक विवादित राशि का सवाल है, वहां अपील के साथ कर की 10% राशि प्री-डिपॉजिट के रूप में जमा करनी होगी।
इस मामले में याचिकाकर्ता ने इस आधार पर प्री-डिपॉजिट से छूट मांगी कि उसे सरकार के विभागों से 6.4 करोड़ रुपये से अधिक की राशि प्राप्त करनी है।
यह विवाद तब उत्पन्न हुआ, जब प्रतिवादी विभाग ने याचिकाकर्ता को गलत तरीके से इनपुट टैक्स क्रेडिट लेने का आरोप लगाते हुए एक कारण बताओ नोटिस (SCN) जारी किया।
याचिकाकर्ता का दावा कि जब GST प्रणाली में संक्रमण हुआ था, उस समय रिटर्न दाखिल करने में कुछ त्रुटियां हुई थीं। लेखाकार की गलती से गलत टर्नओवर दर्ज हो गया। हालांकि कथित ITC कभी लिया ही नहीं गया।
याचिकाकर्ता अपीलीय प्राधिकरण के पास जाना चाहता था तब उसने यह तर्क दिया कि उसके कुछ प्रतिभूतियां, लगभग 4 करोड़ रुपये की, विभिन्न सरकारी विभागों के पास पड़ी हैं, ल इसलिए उसे प्री-डिपॉजिट से छूट दी जाए।
सर्वप्रथम हाईकोर्ट ने यह देखा कि अधिनियम की धारा 107(6) प्री-डिपॉजिट की छूट के लिए विवेकाधिकार नहीं देती।
जस्टिस प्रतिभा एम. सिंह और जस्टिस राजनीश कुमार गुप्ता की खंडपीठ ने Diamond Entertainment Technologies (P.) Ltd. बनाम आयुक्त, केंद्रीय उत्पाद एवं कर आयुक्तालय, देहरादून एवं अन्य के मामले में दिए गए निर्णय पर भरोसा जताया, जिसमें एक्साइज एक्ट के संदर्भ में यह कहा गया कि संशोधित धारा 35F/129E (वर्ष 2014) के बाद CESTAT में की गई हर अपील तभी स्वीकार्य होगी जब अनिवार्य प्री-डिपॉजिट किया गया हो।
ऐसे में कोर्ट ने प्री-डिपॉजिट से छूट की याचिका को अस्वीकार कर दिया लेकिन याचिकाकर्ता को यह स्वतंत्रता दी कि वह संबंधित अपीलीय प्राधिकरण के समक्ष कोई भी उपयुक्त प्रार्थना कर सकता है यदि वह सरकार के पास पड़ी किसी राशि पर भरोसा करना चाहता है।
केस टाइटल: इंप्रेसिव डाटा सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड बनाम आयुक्त (अपील-I), केंद्रीय कर जीएसटी, दिल्ली