2022 में दंगा होने की वजह से जहांगीर पुरी में हनुमान जयंती जुलूस नहीं निकाला जा सकता: दिल्ली हाईकोर्ट ने पुलिस से मामले की जांच करने को कहा

Update: 2025-04-11 13:04 GMT
2022 में दंगा होने की वजह से जहांगीर पुरी में हनुमान जयंती जुलूस नहीं निकाला जा सकता: दिल्ली हाईकोर्ट ने पुलिस से मामले की जांच करने को कहा

यह देखते हुए कि अतीत में किसी “अप्रिय घटना” के घटित होने की वजह से प्रचलित धार्मिक प्रथा के अनुसार धार्मिक जुलूस नहीं निकाला जा सकता, दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस से यह तय करने को कहा है कि शहर के जहांगीरपुरी इलाके में हनुमान जयंती जुलूस निकालने की अनुमति दी जा सकती है या नहीं।

जस्टिस सचिन दत्ता ने कहा,

“अधिकारियों को यह ध्यान में रखना चाहिए कि वर्ष 2022 में किसी अप्रिय घटना के घटित होने की वजह से पिछले वर्षों में प्रचलित प्रथा के अनुसार धार्मिक अवसर/अवसरों पर जुलूस निकालने की अनुमति नहीं दी जा सकती। प्रतिवादियों/पुलिस अधिकारियों पर उक्त उद्देश्य के लिए पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था करने का दायित्व है।”

अप्रैल, 2022 में जहांगीरपुरी इलाके में हनुमान जयंती जुलूस के दौरान दो समूहों के बीच झड़प हो गई।

न्यायालय 12 अप्रैल को हनुमान जयंती के अवसर पर जुलूस निकालने की अनुमति न दिए जाने के खिलाफ अरविंद मिश्रा द्वारा दायर याचिका पर विचार कर रहा था। इसमें कहा गया कि जहांगीर पुरी में प्राचीन काल से ही हनुमान मंदिर मौजूद है।

अपनी स्टेटस रिपोर्ट में दिल्ली पुलिस ने न्यायालय को बताया कि 2022 में हनुमान जयंती के अवसर पर शोभा यात्रा के दौरान जहांगीर पुरी के इलाके में दंगा हुआ,

"इसमें दंगाइयों द्वारा कई राउंड गोलियां चलाई गईं और एक पुलिस कर्मी को गोली लगी और कई अन्य पुलिसकर्मी/सार्वजनिक व्यक्ति भी दंगे में घायल हुए।"

यह प्रस्तुत किया गया कि 2022 के दंगे के बाद क्षेत्र में अस्थिर और अनिश्चित स्थिति को देखते हुए किसी भी व्यक्ति को जुलूस या शोभा यात्रा की अनुमति नहीं दी गई।

याचिका का निपटारा करते हुए न्यायालय ने कहा कि वह सुरक्षा या कानून और व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए संबंधित पुलिस अधिकारियों द्वारा लिए गए निर्णय पर अपील करने के लिए इच्छुक नहीं है।

न्यायालय ने मिश्रा को 12 अप्रैल को जुलूस निकालने के लिए दिल्ली पुलिस के समक्ष एक नया आवेदन प्रस्तुत करने की स्वतंत्रता दी, जिसमें स्पष्ट रूप से मार्ग और अवधि निर्धारित की गई हो।

इसने दिल्ली पुलिस को उक्त आवेदन पर विचार करने और उचित तथा समयबद्ध निर्णय लेने का निर्देश दिया। इसने कहा कि पुलिस अधिकारियों का यह दायित्व है कि वे पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था करें।

न्यायालय ने कहा,

"इस मामले की दिल्ली पुलिस के सीनियर अधिकारियों द्वारा उचित जांच की जाए और जुलूस निकालने की प्रस्तावित तिथि से पहले उचित निर्णय लिया जाए तथा याचिकाकर्ता को सूचित किया जाए।"

केस टाइटल: अरविंद मिश्रा बनाम पुलिस आयुक्त एवं अन्य।

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