जूनियर वकीलों को न्यूनतम स्टाइपेंड देने की याचिका पर छह सप्ताह के भीतर फैसला लें: दिल्ली हाईकोर्ट ने BCI से कहा

Update: 2024-07-25 08:43 GMT

दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार को बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) को निर्देश दिया कि वह एडवोकेट और सीनियर एडवोकेट द्वारा नियुक्त जूनियर वकीलों को न्यूनतम स्टाइपेंड देने के संबंध में छह सप्ताह के भीतर फैसला करे।

एक्टिंग चीफ जस्टिस मनमोहन और जस्टिस तुषार राव गेडेला की खंडपीठ ने वकील सिमरन कुमारी द्वारा दायर जनहित याचिका का निपटारा किया, जिन्होंने 27 जनवरी को BCI को एक अभ्यावेदन लिखा था।

उनका कहना था कि उनके अभ्यावेदन पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई।

पीठ ने मौखिक रूप से टिप्पणी की कि इस मुद्दे को BCI द्वारा उठाया जाना चाहिए और इस पर निर्णय लिया जाना चाहिए।

BCI की ओर से पेश हुए एडवोकेट प्रीत पाल सिंह ने कहा कि वकीलों के निकाय की पिछली बैठक में इस अभ्यावेदन पर विचार किया गया लेकिन इसे स्थगित कर दिया गया।

उन्होंने कहा कि अभ्यावेदन BCI द्वारा लिया जाएगा और उसके अनुसार निर्णय लिया जाएगा।

न्यायालय ने जनहित याचिका का निपटारा करते हुए कहा,

"यह न्यायालय बार काउंसिल ऑफ इंडिया को याचिकाकर्ता के अभ्यावेदन पर यथाशीघ्र, अधिमानतः छह सप्ताह के भीतर, कानून के अनुसार निर्णय लेने का निर्देश देता है।"

केस टाइटल- सिमरन कुमारी बनाम BCI एवं अन्य।

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