MCD के लिए इससे ज्यादा चेतावनी क्या हो सकती है कि एक ज़िंदगी चली गई?: दिल्ली हाईकोर्ट ने द्वारका में पेड़ों की छंटाई का दिया आदेश

Update: 2025-08-20 07:54 GMT

दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को द्वारका क्षेत्र में पेड़ों की छंटाई करने का निर्देश दिया। अदालत ने कहा कि मानसून और भारी बारिश के दौरान पेड़ गिरने की कई घटनाएं सामने आती हैं, जिनसे जान माल का नुकसान होता है।

चीफ जस्टिस डी.के. उपाध्याय और जस्टिस तुषार राव गेडेला की खंडपीठ ने नगर निगम दिल्ली (MCD) और लोक निर्माण विभाग (PWD) को निर्देश दिया कि वे द्वारका क्षेत्र का सर्वेक्षण करें और यह पता लगाएँ कि किन पेड़ों की छंटाई आवश्यक है।

अदालत ने कहा,

“यह सर्वविदित है कि मानसून में भारी वर्षा के दौरान पेड़ों के गिरने की घटनाएं बार-बार होती हैं, जिनसे जीवन और संपत्ति दोनों का नुकसान होता है। तथ्य इस बात की मांग करते हैं कि अधिकारी तुरंत कार्रवाई करें और 2 मई 2025 की अधिसूचना में वर्णित SOP का पालन करें।”

अदालत ने आदेश दिया कि सर्वेक्षण 10 दिनों के भीतर पूरा किया जाए। उसके बाद चार हफ्तों में सभी आवश्यक पेड़ों की छंटाई कर दी जाए।

खंडपीठ ने कहा,

“दक्षिण-पश्चिम जिले के द्वारका क्षेत्र का सर्वेक्षण MCD और PWD की संयुक्त जिम्मेदारी होगी। जहां-जहां पेड़ों की छंटाई ज़रूरी है, वहां पर्याप्त कार्यबल लगाकर कार्रवाई की जाए।”

MCD की ओर से जब समय बढ़ाने की मांग की गई तो अदालत ने मौखिक टिप्पणी की,

“हमने एक ज़िंदगी खो दी। इससे ज़्यादा चेतावनी MCD के लिए और क्या हो सकती है? क्या इंसानी ज़िंदगी इतनी ही है?”

मामले की अगली अक्टूबर में होगी।

केस टाइटल: Govind v. Sub Divisional Magistrate & Ors

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